कोलकाता की घटना पर जितनी निंदा की जाए काम है

संवाददाता रोहित कुमार गुप्ता उतरौला बलरामपुर। कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज की महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन व उत्तर प्रदेश मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन के अलावा अन्य चिकित्सकों में रोष बढ़ता जा रहा है। रविवार को साजिदा हॉस्पिटल के प्रबंधक डॉ एहसान खान के नेतृत्व में चिकित्सकों ने उतरौला के गांधी पार्क में शोक सभा आयोजित कर दिवंगत महिला चिकित्सक को श्रद्धांजलि दिया। डॉक्टर एहसान खान के आवाहन पर क्षेत्र के सभी चिकित्सक गांधी पार्क पर एकत्रित हुए और विरोध-प्रदर्शन किया। डॉ एहसान खान ने कहा कि कोलकाता की घटना की जितनी निंदा की जाए वह कम है। इस घटना ने पूरे समाज को हिलाकर रख दिया है। इस घटना से महिलाएं समाज में कहीं भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं। डॉ अहमद खान ने कहा कि कोलकाता की घटना के बाद देश भर के डॉक्टरों में भय का माहौल है। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था की जाए, कि भविष्य में ऐसी कोई घटना स्वास्थ्य सेवा से जुड़े डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों के साथ न हो।डॉ तारिक शाह ने घटना की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई करने, दोषियों को फांसी, सेंट्रल मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने व क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में संशोधन की मांग की। डॉ शाइस्ता जबी ने भी घटना को लेकर आक्रोश जताया। इस घटना के खिलाफ डॉक्टर के साथ पूरा देश खड़ा है। डॉक्टर आलोक मौर्य ने कहा कि हिंसा के लिए जिम्मेदार प्रत्येक व्यक्ति को जवाबदेह ठहराया जाए। और कानून का सामना करने के लिए तैयार किया जाए, चाहे उनकी राजनीतिक संबद्धता कुछ भी हो।डॉक्टरों की मांगें उचित और न्यायसंगत हैं। यह वह न्यूनतम है जिसकी उन्हें सरकार से उम्मीद करनी चाहिए। उनकी सुरक्षा और संरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। डॉ घनश्याम वर्मा ने कहा कि इस खतरनाक स्थिति से निपटने के लिए, भारत सरकार से तत्काल और व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की है। साथ ही सुझाव दिया है कि केंद्र तुरंत एक अध्यादेश लाए ताकि स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा में शामिल लोगों को कठोरतम संभव सजा सुनिश्चित की जा सके। डॉ प्रभाकर वर्मा ने कहा कि हम सब पीड़ित परिवार के साथ पूरी एकजुटता से खड़े हैं। जिनका दर्द और क्षति अकल्पनीय है। हम चिकित्सा समुदाय को भी अपना पूरा समर्थन देते हैं, जो अपने काम के दौरान इस तरह की हिंसा का सामना कर रहे हैं। स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की सुरक्षा और सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ सुरक्षित रखा जाना चाहिए। इस तरह के अत्याचारों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। डॉक्टर अत्ताउल्लाह खान, डॉक्टर अब्दुल रहीम सिद्दीकी, डॉ अहमद खान, डॉ एस सी शर्मा, डॉ शाइस्ता जबी, डॉ फैयाज हाशमी, डॉ प्रभाकर वर्मा, डॉ आलोक मौर्य, डॉक्टर घनश्याम वर्मा, डॉ नजर मोहम्मद, डॉ सगीर खान, डॉ तारिक शाह, डॉक्टर गुलाम हुसैन बेग, राजू सिद्दीकी, संजय गुप्ता, आफाक सिद्दीकी, अरशद खान, अल्ताफ खान, मोहम्मद अबरार खान, आदिल हुसैन, मोहम्मद समी, आबिद अली शाह, कलीमुल्लाह, बाबी, असलम मोईन, खालिद खान, सलमान रज़ा समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

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