कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर ससुरालीजनों ने विवाहिता को जमकर पीटा

– विवाहिता का आरोप, बेटों को थाना पर बैठालकर पुलिस ने जबरदस्ती कराया समझौता

कानपुर (हि.स.)। कोर्ट के आदेश होने के बाद भी विवाहिता को पति ने गुजारा भत्ता देना बंद कर दिया। इस पर जब विवाहिता बेटों के साथ ससुराल पहुंची तो आरोप के मुताबिक ससुरालीजनों ने उसकी जमकर पिटाई कर दी। यही नहीं थाना पुलिस कार्रवाई करने के बजाय बेटों को थाना में बैठालकर जबरदस्ती समझौता करा दिया। आजिज होकर पीड़िता कोर्ट से फिर गुहार लगाने पहुंच गई है।

कोयला नगर की रहने वाली गीता रानी की शादी ग्वालटोली थाना अंतर्गत रहने वाले अनिल कुमार के साथ 20 साल पहले हुई थी। पति अनिल कुमार एक निजी कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत है। पीड़िता के मुताबिक 2013 में पति मारपीट कर घर से बाहर निकाल दिया था और पुलिस में कोई सुनवाई न होता देख कोर्ट की शरण ली। कोर्ट में चार साल तक मामला चला और सन 2017 में कोर्ट ने अनिल को आदेश दिया कि पत्नी व बेटों के जीवन यापन के लिए गुजारा भत्ता दिया जाये। इसके बाद से वह अपने मायके में रहकर बच्चों का पालन पोषण करने लगी। इधर कुछ माह से गुजारा भत्ता देने से पति ने मना कर दिया तो गीता रानी बेटों के साथ ससुराल पहुंच गई। इस पर आरोप है कि ससुरालीजनों ने उनके साथ पिटाई कर दी। पिटाई से घबराकर पीड़िता ने ग्वालटोली थाना में ससुरालीजनों के खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया। पीड़िता का आरोप है कि थाना में बेटों को पुलिस ने जबरदस्ती बैठाकर समझौता करा दिया। ऐसे में पीड़िता एक बार फिर न्याय के लिए दर दर भटकने लगी और कोर्ट की शरण में जाने की तैयारी कर ली है।

महमूद

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