कोरोना के कारण यूपीएससी परीक्षा देने से वंचित अभ्यर्थियों को राहत देने पर केंद्र सहमत
नई दिल्ली (हि.स.)। कोरोना की वजह से पिछले साल यूपीएससी की परीक्षा देने से वंचित रह गए छात्रों को राहत देने पर केंद्र सरकार सहमत हो गई है। आज केंद्र सरकार ने बताया कि केंद्र और यूपीएससी के बीच इस बात पर सहमति बनी है कि जिन लोगों ने अंतिम प्रयास किया, लेकिन परीक्षा देने की उम्र बची है उन्हें एक और मौका दिया जाएगा। जिन लोगों की उम्र सीमा से ज्यादा हो गई है उन्हें नया मौका नहीं मिलेगा। मामले पर अगली सुनवाई 8 फरवरी होगी।
पिछले 28 जनवरी को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से उचित हलफनामा दाखिल करने को कहा था।कोर्ट ने कहा कि यह एक नीतिगत मसला है। निर्णय उच्च स्तर पर हो। अंडर सेक्रेट्री का हलफनामा दाखिल करना सही नहीं है। केंद्र सरकार ने 25 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया था कि उम्र सीमा पार चुके ऐसे छात्रों को एक और मौका नहीं दिया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को इस संबंध में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था।
18 दिसंबर 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने यूपीएससी से कहा था कि वो कोरोना की वजह से परीक्षा देने से वंचित रहे छात्रों को एक और मौका देने पर विचार करे। केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि केंद्र सरकार यूपीएससी परीक्षा में एक बार और मौका देने पर गंभीरता से विचार कर रही है। इसके लिए नियमों में संशोधन करना होगा। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि कोरोना की वजह से काफी आवेदक यूपीएससी की प्रीलिम्स की अक्टूबर 2020 में हुई परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए थे।