केन्द्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र अभियान
प्रयागराज (हि.स.)। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार ने केंद्र सरकार के पेंशन भोगियों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है।
यह जानकारी सूचना प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार, प्रयागराज के आरिफ हुसैन रिजवी ने देते हुए बताया कि नवम्बर 2021 में राज्यमंत्री (पीपी) डॉ. जितेंद्र सिंह ने किसी भी एंड्रॉइड मोबाइल के माध्यम से जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक का शुभारम्भ किया था। अब विभाग डिजिटल मोड के माध्यम से जीवन प्रमाणपत्र को बढ़ावा देने के लिए और फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक को लोकप्रिय बनाने के लिए विशेष राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू कर रहा है।
उन्होंने बताया कि सभी पंजीकृत पेंशनभोगी संघों, पेंशन संवितरण बैंकों, भारत सरकार के मंत्रालयों और सीजीएचएस वेलनेस केंद्रों को निर्देश दिया गया है कि वे पेंशनभोगियों के ’सुविधापूर्ण जीवन’ के लिए जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र-फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए विशेष शिविरों का आयोजन करें।
इसी क्रम में, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के अवर सचिव दीपक गुप्ता के नेतृत्व में केंद्र सरकार का एक दल प्रयागराज का दौरा करेगा। जहां 11 नवम्बर को केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए एसबीआई बमरौली शाखा में शिविर आयोजित किया जाएगा। सभी पेंशनभोगी डिजिटल माध्यम से अपने जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के लिए केंद्र पर जा सकते हैं।
एक अक्टूबर से अब तक कुल 29,29,986 डीएलसी जनरेट किए गए, जबकि फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से कुल 1,52,172 डीएलसी जनरेट किए गए। केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए कुल 11,95,594 डीएलसी जनरेट किए गए तथा फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से कुल 96,099 डीएलसी जनरेट किए गए।
पहले जीवन प्रमाणपत्र व्यक्तिगत रूप से देने के लिए वृद्ध पेंशनभोगियों को बैंकों के बाहर कतारों में घंटों खड़ा होना पड़ता था। अब, यह उनके घर से ही आसानी से एक बटन के क्लिक पर सम्भव हो गया है। मोबाइल द्वारा फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की प्रक्रिया में, आधार संख्या, ओटीपी के लिए मोबाइल नंबर, पीपीओ नंबर, बैंक-डाकघर के साथ खाता संख्या के ब्यौरे पहली बार आवश्यक हैं। यह सुविधा राज्य सरकार के कर्मचारियों और राज्य के कोषागार कार्यालय के रूप में संवितरण प्राधिकरण के लिए भी उपलब्ध है।
विद्या कान्त