केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि भारत को कब तक मिल सकती है कोरोना वैक्सीन
नेशनल डेस्क
नई दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 की वैक्सीन के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया है. भारत में कोरोना वायरस की वैक्सीन से जुड़ी सारी जानकारियां अब एक पोर्टल पर उपलब्ध होंगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने आईसीएमआर के इस पोर्टल का सोमवार को उद्धाटन किया. इस पोर्टल पर वैक्सीन से जुड़ी सारी जानकारियां आम लोगों के लिए मुहैया कराई जाएंगी. डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि भारत में जिन तीन वैक्सीन पर प्रयोग चल रहा है वह अगले साल की पहली तिमाही में उपलब्ध होने की उम्मीद है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने सोमवार को पोर्टल के उद्घाटन के बाद कहा कि आज का दिन भारतीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र के लिए ऐतिहासिक है. हर्षवर्धन ने कहा कि आईसीएमआर के परिसर में इस संस्थान के 100 साल के इतिहास के टाइमलाइन को लॉन्च किया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इससे जुड़े वैज्ञानिकों का योगदान स्मरण किया गया और आगामी वैज्ञानिकों के लिए एक प्रेरणा का काम करता है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि आम लोग इस पोर्टल पर विभिन्न बीमारियों की रोकथान के लिए उपयोग किए जाने वाले सभी टीकों के लिए डाटा उपलब्ध होगा. बता दें भारत में तीन कोरोना वैक्सीन-भारत बायोटेक-आइसीएमआर की कोवैक्सिन जायडल कैडिला की जाइकोव-डी और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रोजेनेका की कोविशील्ड पर काम चल रहा है. सीरम इंस्टीट्यूट भारत में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैक्सीन को ब्रिटेन की एस्ट्रेजेनिका के साथ तैयार कर रही है. ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित किया गया टीका अपने परीक्षण के तीसरे चरण में है और कंपनी एस्ट्राजेनेका पहले ही इसकी करोड़ों खुराक का उत्पादन करने में जुटी है.
इससे पहले विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने शनिवार को कहा था कि वैज्ञानिक समुदाय ने देश के सामने आई हर चुनौती का सफलतापूर्वक सामना किया है और उसे अवसर में बदला है. हर्षवर्धन ने सीएसआईआर के 79वें स्थापना दिवस के अवसर पर कहा कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान एवं विज्ञान परिषद (सीएसआईआर) के वैज्ञानिकों ने वेंटिलेटर और व्यक्तिगत सुरक्षा किट (पीपीई) बनाने में अहम योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि सीएसआईआर ने दवाओं को कोविड-19 के उपचार के अनुरूप इस्तेमाल करने जैसी परियोजनाएं भी शुरू की हैं. हर्षवर्धन ने सीएसआईआर से कहा कि वह यह पता लगाने के लिए युवा वैज्ञानिकों के साथ विचार-विमर्श करे कि देश ‘आत्मनिर्भर’ कैसे बन सकता हैं. उन्होंने कहा, ‘‘देश के सामने किसी भी रूप में जब कोई चुनौती आई है, तो हम उसे अवसर में बदलने में हमेशा सफल रहे हैं.’’ हर्षवर्धन ने कहा कि वैज्ञानिक कई तरीकों से समाज की मुश्किलें कम करने की कोशिश करते हैं.