कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस
– इस मामले में लंबित पहले से दाखिल अर्जियों के साथ इस अर्जी को भी टैग किया गया
नई दिल्ली (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने केरल के कांग्रेसी सांसद टीएन प्रथापन की तीनों कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस एसए बोब्डे की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और पहले से लंबित इस मामले में दाखिल अर्जियों के साथ इस अर्जी को भी टैग कर दिया है।
याचिका में कहा गया है कि तीनों कृषि कानून संविधान की धारा 14 के तहत समानता के अधिकार, धारा 15 के तहत भेदभाव के खिलाफ अधिकार और धारा 21 के तहत जीवन और स्वच्छंदता के अधिकार का उल्लंघन करता है।
पिछले 12 जनवरी को कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि फिलहाल न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था बनी रहेगी। जमीन की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई थी उसमें साउथ एशिया इंटरनेशनल फूट पॉलिसी के डायरेक्टर प्रमोद कुमार जोशी, शेतकारी संगठन के अनिल घनवटे, भारतीय किसान युनियन के भूपिंदर सिंह मान और कृषि विशेषज्ञ अशोक गुलाटी शामिल हैं। इस कमेटी से भूपिंदर सिंह मान ने अपने को अलग कर लिया।