कुशीनगर के प्राचीन स्तूपों एवं बौद्ध बिहारों को विकसित कर रही सरकार

लखनऊ(हि.स.)। राज्य सरकार कुशीनगर के प्राचीन मंदिरों, स्तूपों एवं बौद्ध बिहारों को संरक्षित कर रही है। इन स्थलों का विकास 1941.40 लाख रुपये की धनराशि से किया जा रहा है। यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।

उन्होंने बताया कि कुशीनगर बौद्ध श्रद्धालुओं के लिए प्रमुख केन्द्रों में से एक है। इस स्थान पर भगवान बुद्ध ने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था। इस प्राचीन स्थल को खोज करने का श्रेय जनरल ए कनिंघम एवं एशियाई कार्लल को जाता है। जिन्होंने 1861 में इस स्थल की खुदाई की थी। इसके बाद 1904 से 1912 के मध्य कुशीनगर में भारतीय पुरातत्व संरक्षण द्वारा कई उत्खनन कार्य कराये गये।

जयवीर सिंह ने बताया कि कुशीनगर में भगवान बुद्ध से जुड़े इस स्थल को देखने के लिए पूरी दुनियाभर से पर्यटक एवं श्रद्धालु सालभर आते रहते हैं। यहां स्थित मंदिर में भगवान बुद्ध की 6.1 मीटर ऊंची मूर्ति लेटे हुए मुद्रा में विराजमान है। यह मूर्ति उस काल को दर्शाती है जब भगवान बुद्ध 80 वर्ष की आयु में जन्म मृत्यु के बंधन से मुक्त हो गये थे। कुशीनगर में अन्य तीर्थस्थलों में कुशीनगर संग्रहालय, रामभार स्तूप, सूर्य मंदिर, श्रीलंका मंदिर, चीनी बौद्ध मंदिर, माथा कुंवर मंदिर आदि स्थित है। राज्य सरकार द्वारा यहां पर अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भी बनाया जा रहा है।

बृजनन्दन/दिलीप

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