कुलपति ने रैगिंग की घटना को सिरे से किया खारिज
-प्रॉक्टोरियल बोर्ड की बैठक के बाद लिया जाएगा निर्णय
-मामला बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय में छात्रों के दो गुटों में मारपीट का
झांसी(हि. स.)। बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मुकेश पांडे ने सीनियर छात्रों के द्वारा जूनियर छात्रों की दौड़ा-दौड़ा कर की गई पिटाई की घटना को आज रैगिंग मानने से साफ मना कर दिया। उन्होंने इस घटना को खेल के दौरान हुई नोकझोंक के बाद झगड़ा होना बताया है।
उन्होंने इस बात को भी स्वीकार करने से मना कर दिया कि पांच साल से जमे हुए प्रॉक्टर जिन पर एक के बाद एक आरोप लग रहे हैं, वह ठीक निर्णय नहीं ले पा रहे। उनका मानना है कि यदि कोई अच्छा कार्य करता है, तो उसे पांच वर्ष से भी ज्यादा पद पर बने रहने का अधिकार है। फिलहाल हॉस्टल के उन छात्रों को जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है, दो महीने के लिए हॉस्टल से निष्कासित कर दिया गया है। वहीं कुछ लोगों के विश्वविद्यालय में प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है।
कुलपति प्रोफेसर मुकेश पांडे मीडिया से बात करते हुए गुरुवार को बताया कि कल खेल के दौरान छात्रों के दो गुटों में कहासुनी हो गई जिसके चलते मारपीट हुई। जबकि छात्रों का आरोप था कि लॉर्ड बुद्धा हॉस्टल के वरिष्ठ छात्रों द्वारा रैगिंग के लिए बुलाए जाने पर वह नहीं गए। इसके चलते उन्हें कल(बुधवार को) ऑडिटोरियम में चल रहे कार्यक्रम के दौरान घेर कर मारा गया। कुलपति यह कहते नजर आए कि कई बार किसी कार्यक्रम या खेलकूद के दौरान छात्रों के आपस में हुए झगड़े को रैगिंग का नाम नहीं दिया जा सकता।
कुछ वरिष्ठ छात्रों के काफी समय से हॉस्टल में जमे होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में नहीं है। अगर होगा तो उन्हें तुरंत बाहर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छात्रों के दोनों गुट एक दूसरे पर कार्रवाई चाहते हैं। हमारा प्रॉक्टोरियल बोर्ड बैठक के बाद यह निर्णय लेगा कि गलती किसकी है। जब उनसे कहा गया कि अब तक रैगिंग की यह चौथी घटना है तो उन्होंने मामले में जांच कराने का आश्वासन दिया।
प्रॉक्टोरियल बोर्ड के ये रहे निर्णय
देर शाम तक प्रॉक्टोरियल बोर्ड की बैठक के बाद हॉस्टल के छात्र श्रेष्ठ द्विवेदी, हर्ष पांडे, दुर्गेश चौरसिया, तनुज गंगवार व विशाल राजपूत को दो महीने के निष्कासन का निर्देश जारी किया गया। साथ ही वाह्य छात्र पंकज भारद्वाज, विजय राणा व अंकित श्रीवास्तव का विश्वविद्यालय में प्रवेश वर्जित करने का भी आदेश जारी किया गया है। द्वितीय वर्ष के छात्र अंकित सिंह, उज्ज्वल सिंह व नीतेश सिंह के खिलाफ जांच के बाद सम्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
सुरक्षा में डटी रही पुलिस
पूरे दिन सुरक्षा की दृष्टि को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय गेट को छावनी में तब्दील रखा गया। कई थानों का पुलिस बल एसपी व सीओ के नेतृत्व में मुस्तैदी से जमा नजर आया। उल्लेखनीय है कि बुधवार की रात छात्रों के दो गुटों में मारपीट हुई थी। छात्रों के सिर पर गंभीर चोट आई थी। इसको लेकर काफी बवाल हुआ। जूनियर छात्रों ने रैगिंग का आरोप लगाया था लेकिन कुलपति इससे इनकार कर रहे हैं। वह इस घटना को महज दो गुटों में लड़ाई बता रहे हैं।
महेश