कुम्भ पर सवाल उठाने वालों को भाजपा सरकार से नहीं,भारत से है परेशानी : सिद्धार्थ नाथ सिंह

-दिव्य और भव्य कुम्भ के जरिये सरकार ने दुनिया में पेश की भारतीय संस्कृति की अनूठी छवि

-24 करोड़ श्रद्धालुओं की सुविधा,सुरक्षा से मजबूत हुई सक्षम और समर्थ भारत की तस्वीर

-राज्य में कुम्भ का सफल आयोजन भी सपा और आम आदमी पार्टी को खटक रहा

-हिन्दू आस्था और संस्कृति के प्रति शुरुआत से ही रहा विपक्ष का खराब रवैया

लखनऊ(हि.स.)। योगी सरकार ने दिव्य और भव्य कुम्भ की कल्पना को साकार कर दुनिया के सामने भारतीय संस्कृति और अध्यात्म की अनूठी छवि पेश की। 48 दिन में देश विदेश के 24 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य, आवागमन और रहन सहन की सफलतम व्यवस्था से राज्य सरकार ने सक्षम और समर्थ भारत की नई तस्वीर प्रस्तुत की।

सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि कुछ लोगों से देश का बढ़ता सम्मान और गौरव देखा नहीं जा रहा है। दरअसल, कुंभ पर सवाल उठा रहे लोगों को परेशानी भाजपा सरकार से नहीं बल्कि भारतवर्ष से है।

उन्होंने कहा कि 2019 में आयोजित कुंभ इतिहास में दर्ज है। गिनीज वर्ल्ड ऑफ रिकाॅर्ड ने कुंभ को जगह मिली है। यूनेस्को ने कुंभ की भव्यता और दिव्यता को देखते हुए हेरिटेज घोषित किया है। कुंभ मेला 2019 की सफलता के लिए मेला क्षेत्र और जिले में 683 स्थायी,अस्थायी परियोजनाओं के लिए 2728.93 करोड़ की धनराशि आवंटित की गयी थी, जिसमें से 2339.81 करोड़ की धनराशि खर्च हुई जबकि 389.11 करोड़ की धनराशि शासन को लौटा दी गई।

उन्होंने बताया कि कुंभ 2019 में स्थायी कार्य 66 फीसदी थे,जबकि अस्थाई कार्य 34 फीसदी थे। कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं, स्नानार्थियों की अचूक सुरक्षा और उनके लिए सुविधापूर्ण सुगम यातायात की व्यवस्था करना एक महत्वपूर्ण चुनौती थी। बचाव एवं राहत कार्यों के लिए सुरक्षा एवं संचार उपकरणों की व्यवस्थाओं के लिए कुल रू0 65.87 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गयी थी। इसके तहत जल पुलिस, यातायात, फायर सर्विस,वायरलेस,रेडियो संचार आदि के आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराये गए।

सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कभी इतने सुव्यवस्थित तरीके से कुंभ का आयोजन नहीं हुआ। पिछली सरकारों ने कुंभ के नाम पर सिर्फ लूट की है, लेकिन योगी सरकार ने संतों और श्रद्धालुओं को विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई।

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