किसान बिल : एकजुट हुआ विपक्षी दलों ने किया प्रदर्शन, भाजपा सांसद ने तंज कस बताया जमीन तलाश का असफल प्रयास

कानपुर (हि.स.)। देशभर में कृषि कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। तो वही दूसरी तरफ इस कानून को लेकर सियासत भी गरमा गई है। जिसके चलते कानपुर में सोमवार को संयुक्त रूप से विपक्षी पार्टियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलकर प्रदर्शन किया। वहीं, बिल के विरोध में एकजुट हुए विपक्षी दलों के नेताओं को लेकर भाजपा सांसद ने किसान बिल की आड़ में राजनीतिक रोटियां सेकने व अपनी जमीन तैयार करने वाला असफल प्रयास बताया। 

शहर के बड़ा चौराहे में सैकड़ों की संख्या में विपक्षी पार्टियों के नेता व कार्यकर्ताओं ने मिलकर सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन में पूर्व महिला सांसद सुभाषिनी अली भी मौजूद रही। उन्होंने किसानों के हित में बिल की वापस लिए जाने की मांग की। कहा कि, जिस तरह से सरकार अंग्रेजों की नीति अपना रही है, उसकी हम कड़ी निंदा करते है और इन किसानों के साथ उनके हक के लिए आखिरी सांस तक लड़ते रहेंगे। इस दौरान उपस्थित कार्यकर्ताओं की भीड़ तरह—तरह के स्लोगन लिखी हुई तख्तियों के साथ सभी पार्टी के कार्यकर्ता सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग करते रहें। 
किसानों के समर्थन में किए जा रहे इस प्रदर्शन में संयुक्त मोर्चे के तमाम नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहें। प्रदेश में विपक्ष में बैठे नेताओं व कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। समाजवादी पार्टी का नेतृत्व कर रहे विधायक अमिताभ बाजपेई व इरफान सोलंकी ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि, ये वही किसान है जिनके बेटे हमारे देश की सीमा पर दिन रात अपनी जान की बाजी लगाकर भारत माता की रक्षा करते हैं। 
आज उन्हीं के परिजन अपने हक की लड़ाई के लिए सड़कों पर उतर के आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सत्ता में चूर इस सरकार की आंखों में काली पट्टी बंधी हुई है। कहा कि किसानों का दर्द इनको नहीं दिखाई दे रहा है। विधायक अमिताभ बाजपेई ने कहा कि सरकार कृषि कानून के बहाने खुद के कर्जें निपटाने में लगी हुई है। समाजवादी इस नीति का पुरजोर विरोध करते हैं, और करते रहेंगे।
इसी तरह आप पार्टी के नेता व कार्यकर्ताओं ने भी केन्द्र सरकार पर किसान बिल के विरोध में प्रदर्शन कर बिल वापस लिए जाने की मांग की। 
किसान बिल की आड़ में विपक्षी दल सेक रहे राजनीतिक रोटी — सत्यदेव पचौरी
किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी सांसद सत्यदेव पचौरी ने प्रेसवार्ता कर कहा कि, किसान अन्नदाता है। उसका अपने हक के लिए लड़ना अधिकार है। लेकिन इस किसान आंदोलन की आड़ में कई राजनीतिक दल जो अपना जनाधार बनाने और राजनितिक रोटी सेकने में लगे हुए हैं वह कभी अपने इरादों में कामयाब नहीं होंगे। 
कहा कि कई राष्ट्रविरोधी ताकतों के लोग जैसे खालिस्तान के समर्थक, टुकड़े-टुकड़े गैंग के वो लोग जो सीएए और एनआरसी को लेकर लोगों को भड़काते रहे, जगह-जगह दंगे करवाते रहे और ऐसे कम्युनिस्ट जिन्होंने देश की एकता और अखंडता को बांटने का काम करते रहे हैं। ये सभी अराजक तत्व नहीं चाहते कि देश में किसान आंदोलन थमे और किसान व सरकार के बीच कोई समझौता हो। जब तक ये बाहरी ताकतें किसानों को भड़काती रहेंगी तब तक न कोई समझौता हो पाएगा और न यह आंदोलन थमेगा और यह लोग इसका हल निकलने में भी नहीं देना चाहते हैं। भाजपा सांसद ने यह भी कहा कि किसान सरकार से यह बताएं कि पारित बिल में क्या कमी है तो सरकार उस कमी में सुधार सकती है, लेकिन बिल वापस नहीं लेगी।

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