किसानों का दिल्ली कूच: बैरिकेडिंग तोड़कर पहुंचे दिल्ली
– भिवानी में ट्रैक्टर-ट्राली को ट्रक ने मारी टक्कर, किसान की मौत
– गुस्साए किसानों ने दिल्ली-हिसार राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगाया आठ घंटे जाम
– दिल्ली के चारों ओर जाम की स्थिति, गुरुग्राम में कई किलोमीटर लंबा जाम
चंडीगढ़ (हि.स.)। दिल्ली कूच को लेकर किसानों का जोश, उत्साह व संघर्ष आखिरकार रंग लाया। सरकार किसानों के जज्बे के आगे झुक गई और किसानों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति मिली ही गई। शुक्रवार सुबह हरियाणा-पंजाब सीमाओं को तोड़कर किसान दिल्ली की ओर बढे। किसानों के जोश और तादाद के सामने सरकार के तमाम प्रबंध कमतर साबित हुए। आखिरकार किसानों को दिल्ली में प्रवेश की इजाजत दे दी गई। इसकी शुरूआत बहादुरगढ़ के टीकरी बार्डर से हुई, जब किसानों ने सीमा तोड़कर दिल्ली की ओर कदम बढ़ाया तो भिवानी में दिल्ली कूच के लिए जा रहे पंजाब के किसान की टैक्टर-ट्राली व ट्रक की टक्कर होने से मौत हो गई, जिससे गुस्साए किसानों ने दिल्ली-हिसार राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगा दिया। वहीं भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी सहित दर्जनों किसान नेताओं पर मामला दर्ज किया गया।
शुक्रवार को तीसरे दिन भी हरियाणा व पंजाब के किसानों का दिल्ली कूच जारी रहा। हरियाणा व पंजाब से किसान हजारों की संख्या में दिल्ली सीमा के नजदीक पहुंचे तो स्थिति तनावपूर्ण हो गई। किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने का प्रयास किया तो पुलिस ने पानी की बौछारों के साथ आंसू गैस का इस्तेमाल किया। वहीं किसान बहादुरगढ़ के टीकरी बार्डर पर नाकेबंदी को लांघकर आगे बढ़े। किसानों ने दिल्ली में घुसने का प्रयास किया। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। दिल्ली के सिंघू बार्डर पर स्थिति तनावपूर्ण बनी रही
किसानों का संघर्ष देखते हुए दिल्ली में घुसने की इजाजत मिल गई है, लेकिन किसानों से शांति और व्यवस्था बनाए रखने को कहा गया है। अब किसान दिल्ली में निरंकारी समागम मैदान में धरना दे सकते हैं। इसी बीच हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने कहा कि केंद्र सरकार बातचीत के लिए हमेशा तैयार है। मेरी सभी किसान भाइयों से अपील है कि अपने सभी जायज मुद्दों के लिए केंद्र से सीधे बातचीत करें। उन्होंने कहा कि आन्दोलन इसका जरिया नहीं है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्वागत किया है। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से बातचीत करके मामले का हल निकालने की अपील भी की है।
यह रही स्थिति:
दिल्ली कूच की शुरूआत शुक्रवार सुबह पंजाब के शंभू बार्डर से शुरू हुई। किसानेां को पुलिस द्वारा अंबाला में रोका गया और फिर कुरुक्षेत्र में, जहां किसानों और पुलिस में जमकर टकराव हुआ। शंभू और सिंघु बॉर्डर पर भी किसानों ने हंगामा किया। हरियाणा के पानीपत टोल प्लाजा से आगे बढ़े किसानों का शुक्रवार सुबह पुलिस से टकराव हुआ। जैसे ही किसान आगे बढऩे लगे, बॉर्डर पर तैनात जवानों ने उन्हें रोका। किसानों ने बैरिकेड तोडऩे की कोशिश की तो पुलिस ने पानी की बौछारें की। आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए। पंजाब-हरियाणा बॉर्डर से दिल्ली बॉर्डर तक तीन राज्यों की पुलिस ने 8 बार बड़ी नाकेबंदी कर किसानों को रोकने की कोशिश की, लेकिन किसान हर बार ट्रैक्टर के सहारे आगे बढ़ते गए। किसानों को दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर रोक गया। यहां वे बड़ी तादाद में ट्रैक्टर पर सवार होकर पहुंचे थे। पुलिस ने यहां आंसू गैस छोड़ी। कुछ देर पथराव भी हुआ। किसान दिल्ली में घुसने के लिए अड़े रहे।
किसानों द्वारा फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी की मांग जायज: अभय चौटाला
इनेलो के प्रधान महासचिव अभय चौटाला ने कहा कि अक्सर आंदोलनकारी रोड पर जाम लगाकर अपनी मांगों को मनवाने का प्रयास करते हैं और सरकार रोड को खुलवाने के लिए आंदोलनकारियों की मांगें पूरी करती है, लेकिन ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है की सरकार यातायात जाम कर रही है और आंदोलनरत किसान अपनी मांगों को मनवाने के लिए रोड खुलवा रहे हैं।
कैप्टन किसान हितैषी तो हरियाणा के किसानों को दे एसवाईएल का पानी : धनखड़
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि किसान आंदोलन पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा प्रायोजित है। धनखड़ ने सीएम कैप्टन को आड़े हाथों लेते हुए नसीहत दी कि यदि वे इतने ही किसान हितैषी हैं तो हरियाणा के किसानों को एसवाईएल का पानी दें। यदि वे इतने ही किसान हित की बात करना चाहते हैं तो हरियाणा के किसान की बात सुनें। सर्वोच्च न्यायालय भी हरियाणा के हक में पानी देने का फैसला सुना चुका है।