कानपुर : विस्फोटक से हुआ था पांचवी मंजिल में धमाका, एटीएस कर रही निगरानी
— बीडीएस ने पटाखों से भरी बोरियों और नाइट्रोजन बारुद को किया नष्ट
— एटीएस, फॉरेंसिक टीम और पुलिस ने संयुक्त रुप से की जांच
कानपुर (हि.स.)। शहर के संवेदनशील इलाके कर्नलगंज में बीते दिनों हुए तेज धमाके की जांच शुक्रवार को एटीएस, फॉरेंसिक टीम, पुलिस और बीडीएस ने संयुक्त रुप से की। टीम ने पाया कि धमाका मकान में तापमान बढ़ने से रखे नाइट्रोजन बारुद (लो एक्सप्लोसिव) के चलते हुआ था। टीम ने नाइट्रोजन बारुद और पटाखों से भरी बोरियों को खोलकर नष्ट किया और साक्ष्य एकत्र किये। मकान पर रहने वाला फल विक्रेता किस उद्देश्य से भारी मात्रा में बारुद रखे हुए था, यह तो जांच का विषय है, पर गनीमत रही कि विस्फोट का दायरा बाहर सीमित रहा, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था।
शहर के संवेदनशील क्षेत्र कर्नलगंंज के छोटे मियां हाता चौकी अंतर्गत बाबा स्वीट हाउस की दुकान है। दुकान के पास ही एक इमारत की पांचवीं मंजिल में फल विक्रेता दिलशाद उर्फ पप्पू बीते 25 वर्षों से परिवार के साथ रहता है। नौ अगस्त की देर रात अचानक पप्पू के घर में तेज धमाका हुआ था। धमाके की आवाज सुनकर इलाके में दहशत फैल गई थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने तेज बारिश के चलते जांच की औपचारिकता पूरी की और वापस हो गई। हालांकि मकान के धमाके से संबंधित कमरे को सील कर दिया गया था। इसके बाद शुक्रवार को एटीएस, फॉरेंसिक टीम, पुलिस और बम निरोधक दस्ते (बीडीएस) ने संयुक्त रुप से उन कमरों की जांच की जहां पर धमाका हुआ था। धमाके वाले कमरे में भारी मात्रा में बीडीएस टीम को बारुद मिली। बीडीएस टीम ने जाते ही भांप लिया था कि धमाका बारुद के चलते हुआ था। टीम ने नाइट्रोजन बारुद और बोरियों में रखे पटाखों को बाहर लाकर निष्क्रिय कर दिया।
नाइट्रोजन बारुद से हुआ था विस्फोट
फोरेंसिक, एटीएस और बीडीएस की जांच में पता चला कि ब्लास्ट सिलेंडर से नहीं बल्कि नाइट्रोजन बारूद की वजह से हुआ था, जो पटाखों में भरा जाता है। सबसे बड़ी बात यहां ये निकलकर सामने आई कि अगर इतनी तादाद में व्यक्ति ने पटाखा रखा था तो किस लिए रखा था। क्योंकि लखनऊ से गिरफ्तार हुए आतंकियों का कनेक्शन कानपुर से लगातार सामने आने की सूचना मिल रही थी।
एसीपी का कहना
जांच रिपोर्ट आने के बाद एसीपी कर्नलगंज त्रिपुरारी पांडेय ने बताया कि जहां ब्लास्ट हुआ था वहां सिलेंडर फटने की वजह से बताया जा रहा था। मकान प्रयागराज में रहने वाले निजाम का है, जिसमें दिलशाद नाम का व्यक्ति परिवार के साथ 25 सालों से किराए पर परिवार के साथ रहता है। मामला संदिग्ध होने पर एटीएस, बीडीएस और फोरेंसिक टीम इसकी जांच कर रही थी। हलाकि फॉरेंसिक जांच में पता चला कि यह धमाका नाइट्रोजन बारुद (लो एक्सप्लोसिव) की वजह से हुआ है, जो पटाखों में भरा जाता है। मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है।