कानपुर में खत्म होगा बिजली का संकट, अगले माह से चालू होगा पनकी पावर प्लांट
– प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मार्च 2019 में 5816 करोड़ लागत की रखी थी आधारशिला
कानपुर(हि.स.)। उत्तर प्रदेश में बिजली उत्पादन के लिए प्रसिद्ध रहा कानपुर का पनकी पावर प्लांट अगले माह से दोबारा बिजली उत्पादन करने जा रहा है। नये ढंग से बन रहे 660 मेगावाट के थर्मल पावर प्लांट का काम लगभग पूरा हो चुका है। अधिकारियों के मुताबिक इस पावर प्लांट के चालू होने से कानपुर सहित आसपास के जनपदों में बिजली संकट खत्म हो जाएगा।
कोयला आधारित रही पनकी पावर प्लांट की दोनों इकाइयां काफी पुरानी हो गईं थी। बार-बार तकनीकी खराबी को दुरुस्त करने में भारी मशक्कतों का सामना करना पड़ता था। इसको देखते हुए अधिकारियों ने 2018 में दोनों यूनिटों से बिजली उत्पादन को रोक दिया और नई यूनिट वह भी थर्मल यूनिट बनाये जाने को लेकर प्रस्ताव भेज दिया। प्रस्ताव उसी वर्ष पास हो गया और 5816 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले थर्मल पावर प्लांट की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ मार्च 2019 को आधारशिला रख दी। उस दौरान 660 मेगावाट के इस थर्मल पावर प्लांट के निर्माण के लिए 46 महीने समय सीमा रखी गई थी, लेकिन कोविड काल के चलते इसके कार्य में देरी हो गई। अब लगभग थर्मल पावर प्लांट का काम पूरा हो गया है और संभावना है कि अगले माह से यह थर्मल पावर प्लांट बिजली उत्पादन शुरु कर देगा।
कानपुर सहित आसपास के जनपदों में दूर होगा बिजली संकट
महाप्रबंधक पनकी पावर प्लांट आरपी सक्सेना ने शुक्रवार को बताया कि 5816 करोड़ रुपये की लागत वाले इस प्लांट में निर्माणाधीन 660 मेगावॉट की यूनिट से जुलाई 2023 में बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है और बचा हुआ कार्य इसी माह पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर सब कुछ तय समय के अनुसार रहा तो अगले माह इसका विधिवत शुभारंभ किया जाएगा। इसके बाद यहां से बिजली उत्पादन शुरु हो जाएगा और कानपुर सहित आसपास के जनपदों में बिजली का संकट खत्म हो जाएगा। यह पावर प्लांट करीब 80 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर फैला हुआ है। इस प्लांट के जरिये सीधे तौर पर छह सौ और अप्रत्यक्ष रुप से करीब तीन हजार लोगों को रोजगार मुहैया होगा।
अजय/मोहित