कानपुर: जिले में 76.3 फीसद बच्चे एनीमिया से प्रभावित
कानपुर(हि.स.)। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे रिपोर्ट (एनएफएचएस) पांच में आए आंकड़े काफी चिंताजनक है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, जिले में छह माह से पांच साल तक 76.3 फीसदी मासूम और 15 से 19 साल तक की 63 फीसदी किशोरियां एनीमिया से ग्रस्त है।
जिले में छह से 59 माह के बच्चे 76.3 फीसद एनीमियाग्रस्त है, जिसका कारण सही से स्तनपान न कराना, मां का पर्याप्त मात्रा में आहार व दवा का सेवन न करना, देखभाल में कमी व पोषण युक्त भोजन का सेवन न कराना है।
वहीं, 15 से 19 साल तक की किशोरियों में खून की कमी के कारण उनमें शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा उत्पन्न होती है। आंकड़ों के अनुसार जनपद में 15 से 49 साल तक की 57 फीसद महिलाएं और 46.3 फीसद गर्भवती एनीमिया ग्रस्त है। इसका मुख्य कारण महावारी के दौरान अधिक ब्लीडिंग, तनाव, मौसमी फल और हरी सब्जियों का सेवन न करना है।
शासन ने महिलाओं व किशोरियों में हीमोग्लोबिन के स्तर की कमी जानने और जांच व दवाओं की सुविधा अस्पताल और आंगनबाड़ी केंद्र में की है। इसके बाद भी सर्वे रिपोर्ट में आए आंकड़े काफी चिंताजनक है, जबकि जिले में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे रिपोर्ट पांच के मुताबिक, छह माह से पांच साल तक के बच्चे 73.6 फीसद, 15 से 19 साल की किशोरियां 66 फीसद, महिलाएं 58.7 व गर्भवती 45.2 फीसद एनीमिया से ग्रस्त थीं।
प्रभावित होती है प्रजनन क्षमता
जिला महिला डफरिन अस्पताल की प्रमुख अधीक्षक डॉ.सीमा श्रीवास्तव ने बताया कि असंतुलित खाना-पान और अनियंत्रित माहवारी के दौरान अत्यधिक रक्तस्त्राव होने से किशोरियों और महिलाओं को एनीमिया की समस्या हो जाती है। इससे महिलाओं की प्रजनन क्षमता भी प्रभावित होती है। साथ ही शरीर का विकास सुचारू रूप से नहीं हो पाता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा किशोरियों, युवतियों व महिलाओं को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। किशोरियों व महिलाओं को स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए। विटामिन ए और सी युक्त खाद्य पदार्थ खाने चाहिए।
उन्होंने बताया कि छह माह से लेकर पांच साल तक के बच्चों को सप्ताह में दो बार एक एमएल आयरन सिरप और पांच से 10 साल के बच्चों को हर सप्ताह में बच्चों वाली एक आयरन की गोली खिलानी चाहिए।
महमूद/दीपक/सियाराम