कानपुर के शहरी गरीबों को केन्द्र सरकार ने दिया अब तक 14256 पीएम आवास

कानपुर (हि.स.)। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कानपुर शहरी गरीबों को केन्द्र सरकार ने बीते नौ वर्ष में 14256 आवास दे चुकी है। लेकिन कानपुर विकास प्राधिकरण 1072 गरीबों से आवास देने के लिए अब तक निबंधन कर सकी। जबकि 11567 पीएम आवास गरीबों को आवंटित किये जा चुके है। फिर भी ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा केडीए अभी कोसों दूर है।

कानपुर विकास प्राधिकरण के सचिव शत्रोहन वैश्य का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक 14256 आवास कानपुर शहर में रहने वाले गरीबों के लिए स्वीकृत हुए है। स्वीकृत हुए गरीबों के लिए आवासों का निर्माण कराने के साथ ही अन्य व्यवस्थाओं को तैयार करने में समय लगता है। हालांकि इस योजना के लिए एक अलग से अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है। इस संबंध में अधिक जानकारी नहीं दे सकते है।

सूत्रों की मानें तो महावीर नगर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 5040 गरीबों को आवास दिये जा चुके है। रामगंगा में 550 पहली बार और दूसरी बार 350 आवास आवंटित किए गए है। गरीबों को आवास देने के लिए केडीए सकरापुर और भागीरथी जाह्नवी योजना में निर्माण करा रहा है। सूत्रों की माने तो अभी इन सभी योजनाओं को तैयार होने में समय लगेगा। हाल ही में जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर ने निरीक्षण के दौरान कड़ा निर्देश दिया था कि अतिशीघ्र विद्युत पोल को लगाकर बिजली की आपूर्ती शुरू की जाए।

जाने शहरी गरीबों को कैसे उपलब्ध कराए जा रहे पीएम आवास

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत केंद्र सरकार शहरी गरीबों को आवास उपलब्ध कराने के लिए ढाई लाख रुपए दे रही है और दो लाख रुपए आवन्टी गरीब को किस्तों के द्वारा जमा करना होगा। पहले बार जब लोगों को आवास दिए गये तो दो लाख रुपए शहरी गरीब किस्तों में केडीए के खाते में पैसा जमा करने लगे। हालांकि अब तक बहुत ही कम गरीबों ने अपनी किस्त अदा कर पाएं है। लेकिन बाद में आवंटी की धनराशि को बढ़ाकर साड़े चार लाख रुपए कर दिया गया। जिससे बहुत से ऐसे गरीब है जिन्हें प्रधानमंत्री आवास मिलना है, वह अपनी किस्त ही नहीं जमा कर पा रहें है। जिससे शहरी गरीबों को आवास मिलने में काफी दिक्कत हो रही है।

प्रधानमंत्री आवास पाने के लिए करना पड़ेगा आनलाइन आवेदन

शहरी गरीब को पहले ऑनलाइन आवेदन करना होगा और उसके बाद पात्र और अपात्र की जांच सूडा विभाग करेगा। सूडा जांच करके पात्र लाभार्थियों की सूची केडीए को उपलब्ध कराता है, जिसके बाद उस गरीब के नाम आवास स्वीकृत होता है। इसके बाद केडीए की शर्तों को गरीब पूरा करने में कामयाब होगा तभी गरीबों को आवास उपलब्ध हो पाएगा।

राम बहादुर/बृजनंदन

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