कभी सीएम योगी के लिए अपना एमएलसी सीट छोड़ने वाले यशवंत सिंह भाजपा से निष्कासित
मऊ(हि.स.)। वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए अपनी विधान परिषद सीट छोड़ने वाले भारतीय जनता पार्टी के एमएलसी यशवंत सिंह को भाजपा ने पार्टी विरोधी गतिविधि के चलते पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। यह निष्कासन आजमगढ़-मऊ स्थानीय निकाय प्राधिकारी क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य के प्रत्याशी के रूप में निर्दल चुनाव लड़ रहे यशवंत सिंह के बेटे विक्रांत सिंह रिशु को निर्दल चुनाव लड़ाने और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ल ने किया।
बीजेपी घोषित प्रत्याशी अरुण कांत यादव के खिलाफ यशवंत सिंह ने अपने बेटे विक्रांत सिंह रिशु को निर्दल मैदान में उतारा है। भाजपा जिला इकाई द्वारा शिकायत के बाद प्रदेश नेतृत्व ने कड़ा कदम उठाया। अब देखना होगा कि भाजपा के हाईकमान के द्वारा लिए गए इस कड़े फैसले के बाद यशवंत सिंह का रूप क्या होता है। निष्कासन के बाद यशवंत सिंह का अपने बेटे को चुनाव जिताने का प्रतिष्ठा अब और दांव पर लग गया है। अब मऊ आजमगढ़ की राजनीति में सर्वथा हस्तक्षेप करने वाले यशवंत सिंह अपने बेटे विक्रांत सिंह रिशु के लिए लखनऊ के सदन में जगह बनाने के लिए कौन सा जुगत लगाते हैं यह देखना होगा। ऐसे में मऊ आजमगढ़ का चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है।
यहां से समाजवादी पार्टी ने अपने पूर्व विधान परिषद सदस्य राकेश यादव गुड्डू को प्रत्याशी बनाया है तो भारतीय जनता पार्टी ने अपने फूलपुर से पूर्व विधायक तथा समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक रमाकांत यादव पुत्र अभय कांत यादव पर दांव लगाया है। ऐसे में एमएलसी के चुनाव में त्रिकोणीय संघर्ष में कौन जीत रहा है और कौन हार रहा है, यह बताना तो मुश्किल है। लेकिन लड़ाई काफी पेचीदा होता जा रहा है। वैसे आजमगढ़ मऊ जनपद के मतदाताओं के बीच में हो रहे विधान परिषद सदस्य के चुनाव में मऊ की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि सपा और भाजपा के प्रत्याशी आजमगढ़ के हैं तो यशवंत सिंह के पुत्र विक्रांत सिंह रिशु निर्दल दल प्रत्याशी मऊ जनपद के हैं।
आनन्द कुमार