कतर्नियाघाट के जंगलों में फल-फूल रहा है बाघों का कुनबा
संवाददाता
बहराइच। पिछले वर्ष ग्लोबल टाईगर डे के अवसर पर भारत सरकार ने बाघों की संख्या का आँकड़ा देश स्तर पर जारी कर दिया था जिसमे भारत के सभी प्रदेशों एंव भू परिधि के अनुसार ही आँकड़े प्रकाशित किये गए थे। पूरे भारत में आल इंडिया टाईगर स्टीमेशन के आंकड़ों का आंकलन करने के पश्चात भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून के वैज्ञानिकों ने बाघों की संख्या 2967 बताया था एंव रिपोर्ट राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा प्रधानमंत्री द्वारा जारी किया गया था। जिसमे उत्तर प्रदेश में बाघों की संख्या 173 बतायी गयी थी।
इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद विभिन्न संरक्षित क्षेत्रों में अपने क्षेत्रों में बाघों की संख्या जानने हेतु बेचैनी बढ़ गई थी चूंकि कैमरा ट्रैपिंग एंव अन्य अभ्यास टाईगर रिजर्व के अधिकारियों एंव फील्ड स्टाफ द्वारा डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इण्डिया के तकनीकी सहयोग से किया गया था परन्तु फील्ड से प्राप्त आंकड़ों का आंकलन करने का कार्य भारतीय वन्यजीव संस्थान को करना था जिसमें पिछले वर्ष कुछ कार्य बाकी रह जाने के कारण क्षेत्रवार रिपोर्ट नहीं प्रदर्शित की जा सकी थी। इस बार वैज्ञानिकों द्वारा विश्व बाघ दिवस के अवसर पर क्षेत्रवार रिपोर्ट जारी कर दी गयी है।
प्रभागीय वनाधिकारी/वन संरक्षक जी.पी. सिंह ने बताया की भारतीय वन्य जीव संस्थान की रिपोर्ट के अनुसार कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में 29 बाघों की पुष्टि हुई है जो कि विगत वर्षों में हुई बाघ गणनाओं में सर्वाधिक संख्या है। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में बाघों की सुरक्षा में तैनात स्टाफ तकनीक का सहारा लेकर एम स्ट्राइप विधि से पैट्रोलिंग कर रहा है एंव विभिन्न एजेंसियों जैसे एसएसबी, पुलिस एंव एसटीपीएफ के बेहतर समन्वय से बाघों के शिकारियों पर अंकुश लगा पाने में सक्षम हुए हैं, बाघों के बारे में स्थानीय समुदाय की जागरूकता, मीडिया की संवेदनशीलता, बाघ संरक्षण से जुड़े संस्थाओं की सहायता एवं सरकार की प्रतिबद्धता के कारण यह सम्भव हो सका है । श्री सिंह ने इसके लिये अपने अग्रिम पंक्ति के फील्ड स्टाफ एंव बहराइच जनपद वासियों को बधाई दिया है।
बाघों के संरक्षण एंव आल इंडिया टाईगर एस्टीमेशन 2018 में वन विभाग उत्तर प्रदेश को तकनीकी सहयोग प्रदान करने वाले संस्था डब्लूडब्लूएफ के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी दबीर हसन ने बताया कि वर्ष 2018 में आल इण्डिया टाइगर एस्टीमेशन के दौरान कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के 550 वर्ग किमी के जंगलों के प्रत्येक बीट को यूनिट मानकर पहले बाघों की उपस्थिति का आकलन साइन सर्वे, वनस्पति, छोटे एंव बड़े शाकाहारी वन्य पशुओं, जंगलो में मवेशियों तथा मानव दखल का सर्वे भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार करने के बाद कुल 283 कैमरा स्टेशन बनाये गए थे। आंकड़ो में कोई त्रुटि न हो इसके लिये पूरे अभ्यास के दौरान तकनीकी उपकरणों का प्रयोग किया गया था यह कार्यवाही डब्लूडब्लूएफ के विशेषज्ञ एंव फील्ड निदेशक दुधवा टाईगर रिजर्व तथा प्रभागीय वनाधिकारी द्वारा भारतीय वन्य जीव संस्थान के वैज्ञानिकों के दिशा निर्देशन में सफलतापूर्वक सम्पन्न करायी गयी। भारत सरकार द्वारा जारी विस्तृत रिपोर्ट में अन्य वन्य जीवों का घनत्व एंव उपस्थिति का आकलन भी किया गया है। श्री हसन ने बताया कि कतर्नियाघाट में 29 बाघों की उपस्थिति है जिसका घनत्व प्रति 100 वर्ग किमी 4.6 है जो की बहुत सुखद संकेत है।