ओबरा के सर्वे लेखपालों की नियुक्ति निरस्त करने का आदेश रद्द

कैमूर सर्वे एजेन्सी कर्मियों के समायोजन की बर्खास्तगी 

प्रयागराज (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोनभद्र, ओबरा के सर्वे लेखपालों की नियुक्ति निरस्त करने के आदेश को रद्द कर दिया है और याचियों को समस्त सेवा परिलाभों को पाने का हकदार करार दिया है। 
सहायक अभिलेख अधिकारी ओबरा ने कैमूर सर्वे एजेन्सी के कर्मियों को समायोजित करने के लिए याची लेखपालों की नियुक्ति निरस्त कर दी थी। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने चंद्रशेखर सिंह यादव व अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। 
याचीगण को 11 जुलाई 96 को अस्थायी सर्वे लेखपाल पद पर नियुक्ति की गयी। 17 सितम्बर 96 को सरकार ने नियुक्ति पर बैन लगा दिया और कहा कि जो नियुक्ति या प्रोन्नति की गयी है वह स्वतः निरस्त हो जायेगी। 16 अक्टूबर 96 को आयुक्त वाराणसी ने जिलाधिकारी वाराणसी व मिर्जापुर को कैमूर सर्वे एजेन्सी के 36 कर्मचारियों के समायोजन का आदेश दिया। जिसके कारण याचियों को सेवा से हटा दिया गया। जिसे चुनौती दी गई थी। 
याचियों का कहना था कि नियुक्ति पर बैन लगाने का सरकारी आदेश उनकी नियुक्ति के बाद आया है। इसलिए उन पर लागू नहीं होगा। दूसरे नियमानुसार  बिना एक माह की नोटिस दिये बर्खास्त करना नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन है। कोर्ट ने याचियों की बर्खास्तगी रद्द कर दिया है।

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