एनईपी के तहत आईआईटी छात्रों को उपलब्ध करा रहा स्थानीय भाषा में नोट्स : निदेशक

-तीन साल में आया है अभूतपूर्व परिवर्तन, कई भाषाओं पर हो रहा काम

कानपुर (हि.स.)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) के अनुरुप शिक्षण कार्य में जुटा हुआ है। इसी के तहत प्रथम वर्ष के छात्रों को स्थानीय भाषा में नोट्स उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है। इन तीन सालों में हिंदी भाषा में सभी नोट्स छात्रों को उपलब्ध करा दिये गये हैं। प्रयास है कि देश की सभी स्थानीय भाषाओं में नोट्स तैयार हो जाएं, ताकि प्रथम वर्ष छात्रों को भाषा को लेकर कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। हालांकि परीक्षा अंग्रेजी भाषा में ही देनी होगी, लेकिन स्थानीय भाषा में नोट्स मिलने से छात्रों को समझने में बहुत मदद मिलेगी। यह बातें बुधवार को कानपुर आईआईटी के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने पत्रकार वार्ता में कही।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) की तीसरी वर्षगांठ मनाने के लिए एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की मेजबानी की। आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर अभय करंदीकर ने क्षेत्रीय निदेशक जेडी मसिलामणि और क्षेत्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता निदेशालय के संयुक्त निदेशक जीसी साहा की उपस्थिति में प्रेस कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता की। निदेशक प्रोफेसर अभय करंदीकर ने भारत की शिक्षा प्रणाली में आदर्श बदलाव लाने में एनईपी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सत्र की शुरुआत की। उन्होंने कहा, “चरणबद्ध तरीके से ही सही, कार्यान्वयन के पिछले तीन वर्षों में, राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने प्राथमिक से उच्च शैक्षणिक स्तर तक शैक्षणिक परिवर्तन लाए हैं। शिक्षा के सभी स्तरों पर तकनीकी एकीकरण, सीखने में लचीलेपन और अंतःविषय अध्ययन, कौशल विकास और शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण पर नए सिरे से जोर देने पर इसका ध्यान कुछ ऐसे पहलू हैं जो राष्ट्र निर्माण के लिए महत्वपूर्ण विभिन्न अन्य क्षेत्रों को प्रभावित कर सकते हैं। आईआईटी भी जिनकी कल्पना तकनीकी और इंजीनियरिंग संस्थानों के रूप में की गई थी, अब एनईपी के अनुरूप बहु-विषयक संसाधन विश्वविद्यालय बनने के लिए परिवर्तित हो रहे हैं।

बताया कि संस्थान छात्रों और कामकाजी पेशेवरों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई ऑनलाइन पाठ्यक्रम और ई-मास्टर डिग्री कार्यक्रम चलाता है। आईआईटी पारिस्थितिकी तंत्र में सहज परिवर्तन के लिए, भाषा संबंधी बाधाओं का सामना करने वाले छात्रों को हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के पोषण और पुन: एकीकरण के लिए शिवानी केंद्र के तहत, एनईपी के अनुरूप, बहुभाषी अध्ययन सामग्री प्रदान की जाती है।

इस दौरान जिला विद्यालय निरीक्षक मुन्नी लाल, केवी आईआईटी के प्रधानाचार्य रवीश चंद्र पांडेय, जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य मनोज कुमार जैन, गुरु नानक मॉडर्न पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल बलविंदर सिंह आदि मौजूद रहें।

अजय/आकाश

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