उप्र में घुमंतू जनजाति आयोग गठित करने की उठी मांग

लखनऊ(हि.स.)। घुमंतू समुदाय को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने व उनके उत्थान के लिए घुमंतू जनजाति परिषद ने प्रदेश में घुमंतू जनजाति आयोग गठित करने की मांग की है। घुमंतू जनजाति परिषद की ओर इस संबंध में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात कर पत्र सौंपा गया है। राज्यपाल को सौंपे पत्र में घुमन्तू जनजातियों की बस्तियों में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता, सार्वजनिक विद्युत प्रकाश की उपलब्धता सुनिश्चित कराये जाने की मांग की गयी है।

इसके अलावा घुमन्तू जनजाति के युवाओं के लिए रोजगार परक कौशल प्रशिक्षण देने और सरकारी महाविद्यालयों में घुमन्तू जनजातियों के सदस्यों के लिए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम प्रारम्भ किये जाने की मांग की है।

घुमन्तू जनजाति की बस्तियों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव

घुमंतू जनजाति का काम देख रहे गगन शर्मा ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि लखनऊ की घुमन्तू जनजाति की बस्तियों में भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। वहां पर गंदगी व पेयजल की सुविधाओं का अभाव है। इसलिए इन बस्तियों में विशेष स्वास्थ्य जागरूकता अभियान व हेल्थ चेकअप कार्यक्रम आयोजित किया जाना आवश्यक है। घुमंतू जनजाति परिषद ने कहा है कि सरकार घुमन्तू जनजाति के सदस्यों के प्रति भेद भाव पूर्ण व्यवहार करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कानून बना कर दंड का प्रावधान भी करें, जिससे घुमन्तू जनजाति के सदस्यों को मुख्य धारा में आने हेतु सरकार व विधि का संरक्षण प्राप्त हो सके तथा घुमंतू जनजाति के सदस्यों का गरिमामय जीवन सुनिश्चित हो सके।

बृजनन्दन/पदुम नारायण

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