उप्र : प्रेमिका का चालान छुड़ाने को सरकारी शिक्षक बना फर्जी आईपीएस, गिरफ्तार
— डीसीपी यातायात को फोन करके गाड़ी का चालान छुड़ाने के लिये बना रहा था दबाव
— डीसीपी यातायात ने क्राइम ब्रांच व पुलिस टीम लगाकर जालसाज को पकड़ा
कानपुर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के कानपुर में फर्जी आईपीएस बनकर रौब गांठने वाले शातिर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। शातिर उस वक्त पुलिस के चंगुल में फंस गया जब उसने प्रेमिका का वाहन चालान छुड़ाने के लिए डीसीपी यातायात को कॉल किया। शक के आधार पर डीसीपी ने एक टीम लगाकर बातचीत करते हुए उस तक पहुंच गए। गिरफ्तार शातिर स्कूल में सरकारी शिक्षक है। उसके कब्जे से फर्जी दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) यातायात बीबीटीजीएस मूर्ति ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि आशुतोष त्रिपाठी नाम का युवक अपने को आईपीएस बताकर पुलिस विभाग में ही रौब गांठ रहा था। अभियुक्त आशुतोष ने खुद को नेशनल टेक्निकल रिसर्च आर्गनाइजेशन (एनटीआरओ) विभाग में तैनाती बताते हुए फोन कर किसी चालान को निरस्त किये जाने की बात कही। जब उनके द्वारा कहा गया कि आप आफिस आ जाइये तो जालसाज ने खुद के पैर में तीन गोलियां लगने की बात कहते हुए आफिस आने से मना कर दिया। इस पर शक हुआ और उसका फोन काल रिकार्ड व लोकेशन निकाली गई। लोकेशन के आधार पर पुलिस टीम चकेरी उसके आवास पहुंची, लेकिन वह वहां पर नहीं मिला। इसके बाद डीसीपी ने उसे गोली लगे होने का झांसा देकर क्राइम ब्रांच के एक कर्मी को भेजकर बुके दिए जाने का आग्रह किया, लेकिन कॉल करने वाले ने उन्हें मना कर दिया।
शिक्षक से बना फर्जी आईपीएस
डीसीपी यातायात ने बताया कि गिरफ्तार फर्जी आईपीएस आशुतोष त्रिपाठी पढ़ा—लिखा है। वह इंजीनियरिंग करने के बाद एक स्कूल में सरकारी शिक्षक के रूप में पढ़ाता है। लेकिन उसकी अध्यापन कार्य में रूचि नहीं लगती है। पूछताछ में पता चला कि उसे पुलिस विभाग के अधिकारियों की शैली काफी पसंद थी और इसके चलते ही उसने आईपीएस बनकर रौब गांठना शुरू कर दिया।
प्रेमिका का चालान छुड़ाना पड़ा भारी
डीसीपी यातायात ने बताया कि खुद को फर्जी आईपीएस बताकर उसके द्वारा युवतियों को प्रेमजाल में फंसाता था। इस तरह से उसके कई युवतियों से करीबियां थी। उनमें से एक प्रेमिका का वाहन चालान हो गया। उसने प्रेमिका का चालान छुड़ाने के लिए मुझे कॉल करते हुए बताया कि वह एक आईपीएस है और इन दिनों एनटीआरओ में तैनात है। बातों में शक हुआ कि बात करने वाला व्यक्ति आईपीएस नहीं है। जिसके आधार पर यह कहा कि आफिस आ जाइये, आपका चालान छोड़ दिया जाएगा। इस पर उसने पैर तीन गोलियां लगी होने की बहाना बनाया।
ऐसे हुई गिरफ्तारी
डीसीपी ने बताया कि शक के आधार पर उससे मिलने व बुके दिए जाने की इच्छा व्यक्त की गई, लेकिन पकड़े जाने के डर से उसने इंकार कर दिया। इस शक और गहरा गया। जिस पर उसकी लोकेशन को ट्रेस करते हुए क्राइम ब्रांच की टीम को धरपकड़ में लगाया गया। नौबस्ता थाना इलाके से उसे टीम ने दबोच लिया है। गिरफ्तार अभियुक्त ने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि वह खुद को आईपीएस अधिकारी बताता था, जिससे उसके प्रेमजाल में युवतियों फंंस जाती थी। उसके मोबाइल से कई युवतियों के नम्बर मिले हैं। वहीं अभियुक्त के कब्जे से भारत सरकार का फर्जी कार्ड सहित अन्य दस्तावेज मिले हैं। उसका आपराधिक रिकार्ड खंगाला जा रहा है।
2014 में रॉ का एजेंट बनने में भी हो चुका है गिरफ्तार
पूछताछ में पता चला है कि वह किदवई नगर में घनश्याम दास शिवकुमार सीनियर सेकेंडरी स्कूल में सरकारी टीचर है। वह साल 2014 में भी कोतवाली थाने में रॉ एजेंट बनकर पहुंच गया था। तब भी पुलिस ने इसके पास से फर्जी आई कार्ड व मुहर बरामद की थी। क्राइम ब्रांच और नौबस्ता थाना पुलिस अभियुक्त से पूछताछ कर रही है। फिलहाल मुकदमा दर्ज करते हुए अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।