उप्र : कानपुर में 80 फीसद सरकारी कर्मी दफ्तरों से गैरहाजिर, मंडलायुक्त ने मांगा स्पष्टीकरण
– केडीए से जुड़े नौ कार्यालयों में तैनात कर्मचारी नदारद सूची में हैं शामिल
अजय/मोहित
कानपुर (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कार्यालयों में बैठकर अफसरों व कर्मचारियों से जनहित के कार्यों को तेजी से निपटाने के निर्देश दिए हैं। कानपुर में इसकी उलट तस्वीर देखने को मिली है। यहां पर मंडलायुक्त के निरीक्षण के दौरान एक ही विभाग केडीए के नौ कार्यालयों के 80 फीसद कर्मचारी गैरहाजिर मिले हैं। अधिकारी ने इन सभी कर्मचारियों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है।
कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) के अफसर व कर्मचारी अक्सर विवादों के चलते सुर्खियों में बने रहते हैं। बुधवार को यहां कार्यरत कर्मचारियों के नाम एक और कारनामा उस समय जुड़ गया जब मंडलायुक्त डा. राजशेखर केडीए निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने यहां पर विभिन्न नौ पटल कार्यालयों में कामकाज की स्थिति परखी तो वह खुद हतप्रद रह गये। पटलों पर कार्यरत कर्मचारियों की कुर्सियां ज्यादातर खाली मिली। इस पर मंडलायुक्त ने कर्मचारियों की सूची मंगाई और एक-एक पटल पर जाकर कर्मचारियों की उपस्थिति देखी। पटलों पर कार्यरत 80 फीसद कर्मचारी गैरहाजिर पाये गये। यह देख मंडलायुक्त का पारा हाई हो गया और केडीए सचिव से कड़ी नाराजगी व्यक्त की। साथ ही पटलों के अधिकारियों को चेतावनी दी। गैरहाजिर कर्मचारियों को मंडलायुक्त ने नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। मंडलायुक्त के निरीक्षण के दौरान केडीए वीसी राकेश कुमार सिंह आदि अधिकारी मौजूद रहें।
इस संबंध में मंडलायुक्त ने बताया कि केडीए में कार्यरत ज्यादातर कर्मचारी आज गैरहाजिर मिले हैं। इन सभी को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया है। उचित जवाब न आने पर कर्मियों के खिलाफ आगे की विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इन पटलों पर नदारद रहे कर्मचारी
नियोजन विभाग में 13 कर्मचारियों के सापेक्ष नौ कर्मचारी, लेखा विभाग में 29 के सापेक्ष 12, संपत्ति विभाग में नौ के सापेक्ष पांच, बल्क विभाग में 13 के सापेक्ष सात, विक्रय जोन 2 में 22 के सापेक्ष 13, विक्रय जोन 3 में 31 के सापेक्ष 12, विक्रय जोन 4 में 23 के सापेक्ष 10, किराया संपत्ति में पांच के सापेक्ष तीन कर्मचारी नदारद रहें। वहीं जनसंपर्क कार्यालय में तीन कर्मचारियों में तीनों की उपस्थिति पायी गयी। केडीए में बनी रही ऊहापोह की स्थिति
मंडलायुक्त के निरीक्षण में 80 फीसद कर्मचारियों की गैरहाजिरी की लिखा पढ़ी होने के बाद जब कर्मचारी व अधिकारी केडीए पहुंचे तो हड़कंप मच गया। कर्मचारी यह नहीं समझ पा रहे थे कि क्या जवाब दिया जाये और दिनभर केडीए में ऊहापोह की स्थिति बनी रही।