उप्र: अब लागत हुई कम, आय बढ़ने से आई खुशहाली
– प्रधानमंत्री कुसुम योजना बनी ‘रामबाण’
रायबरेली (हि.स.)। किसानों के सामने मुख्य चुनौती ‘लागत’ की हमेशा रहती है, जिसे उन्हें उचित लाभ नहीं मिल पाता है। ऐसे में लागत को कम करके किसानों को कैसे बेहतर लाभ मिल सके, इस दिशा में प्रधानमंत्री कुसुम योजना ‘रामबाण’ साबित हो रही है। इससे किसानों के जीवन में खुशहाली आ रही है।रायबरेली के कई किसानों ने इस योजना का लाभ लेते हुए न केवल बेहतर लाभ अर्जित किया है, बल्कि वह अब औरों के प्रेरणास्रोत भी बन रहे हैं।
शिवगढ़ के किसान मोहम्मद रिजवान के कृषि फार्म में लगाए गए सोलर पम्प ने खेती और मुर्गी पालन को आसान कर दिया है। आज वह कम लागत, कम मेहनत में खेती और मुर्गी पालन से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
बाराबंकी जिले के बड़वाल गांव के मूलनिवासी मोहम्मद रिजवान वर्ष 2016 से शिवगढ़ क्षेत्र के गढ़ी मजरे देहली में अपनी निजी जमीन पर पोल्ट्री फार्म खोलकर मुर्गी पालन एवं खेती-बाड़ी कर रहे हैं। वह बताते हैं कि पहले 02 एकड़ खेत की सिंचाई करने के लिए करीब 16 सौ रुपये डीजल खर्च आ जाता था और पोल्ट्री फार्म में 3 से 4 हजार रुपये विद्युत बिल आता था। जिससे लागत बढ़ जाती थी और लाभ बहुत कम होता था। कई बार तो नुकसान भी झेलना पड़ता था।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना ने की राह आसान
सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत जब से उनके कृषि फार्म में सोलर पम्प लगा है, उससे जीवन की राह आसान हुई है और खेती-बाड़ी के साथ ही पोल्ट्री फार्म में मुर्गी पालन में बेहतर काम हो रहा है।
मो. रिजवान ने बताया कि डेढ़ लाख की लागत से लगे 2 एचपी के सोलर पम्प के लिए उन्हें सिर्फ 57810 खर्च करने पड़े। शेष खर्च सरकार ने वहन किया। उन्होंने बताया कि सोलर पम्प लगने के बाद स्विच ऑन करते ही खेतों की सिंचाई शुरू हो जाती है। इससे मेहनत के साथ ही पम्पिंग सेट और डीजल पर आने वाले खर्च की बचत हो गई है। गर्मियों के दिनों में मुर्गियों और चूजों के हिसाब से तापमान बनाए रखने के लिए दिन में स्प्रिंकलर चलाना पड़ता है और सिंटेक्स टंकियों में कई बार पानी बदलना पड़ता है, ताकि स्वचालित ड्रिकर में गर्म पानी ना जाए
उप निदेशक(कृषि) विनय कुमार सिंह के अनुसार कृषक प्रधानमंत्री किसान उर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान पीएम कुसुम योजना में 2, 3, 5, 7.5 एवं 10 एच0पी0 सोलर पम्प क्षमता के डी0सी0 व ए0सी0 प्रकार के सबमर्सिबल सोलर पम्प स्थापित किये जा रहे हैं। इसके लिए क्रियाशील बोरिंग कृषक के पास होना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना किसानों के लिए लाभकारी योजना है जिसका फ़ायदा किसानों को मिल रहा है।
रजनीश