उत्तर भारत में कोहरे का कोहराम
कानपुर (हि.स.)। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आगामी तीन दिनों तक कानपुर मंडल सहित उत्तर भारत में धुंध एवं घना कोहरा बना रहेगा। जो दृश्यता और परिवहन को बाधित करता रहेगा। यह जानकारी सोमवार को चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के मौसम वैज्ञानिक डॉ एस.एन.सुनील पांडेय ने दी।
उन्होंने बताया कि कम से कम अगले तीन दिनों तक ऐसे बने रहने की उम्मीद है, हालांकि इसकी तीव्रता कम हो सकती है। कोहरे की स्थिति की यह विस्तारित अवधि ठंडे दिन की स्थिति को बढ़ा सकती है, जिससे असुविधा और संभावित स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बढ़ सकती हैं।
मौसम वैज्ञानिक डॉ पांडेय ने बताया कि भारत के उत्तरी मैदानी इलाकों में कोहरे की घनी चादर छा गई है, जिससे दिन के तापमान में भारी गिरावट आई है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में ठंडे दिन की स्थिति को लेकर चिंता बढ़ गई है। शुरुआत कोहरा में पाकिस्तान के पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और उत्तर प्रदेश तक केंद्रित था, अब झारखंड और बिहार के कुछ हिस्सों में भी फैल गया है।
जबकि पिछले दो दिनों में न्यूनतम तापमान में थोड़ी वृद्धि हुई है, दिन के तापमान में गिरावट ने क्षेत्र में काफी ठंड ला दी है। कई स्थानों पर ठंडे दिन की स्थिति होने की संभावना है, जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम हो और अधिकतम तापमान सामान्य से -4.5 डिग्री सेल्सियस से -6.4 डिग्री सेल्सियस तक हो तो उसे स्थिति को ठंडा दिन कहा जाता है। यदि अधिकतम तापमान सामान्य से -5.5 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे गिरता है, तो इसे गंभीर ठंडे दिन के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा।
यह विस्तारित अवधि ठंडे दिन की स्थिति को बढ़ा सकती है, जिससे असुविधा और संभावित स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बढ़ सकती हैं। प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को गर्म कपड़े पहनने, कोहरे के लंबे समय तक संपर्क में रहने से बचने और मौसम संबंधी सलाह के बारे में अपडेट रहने की सलाह दी जाती है। बुजुर्ग, बच्चे और सांस की बीमारियों से पीड़ित लोग विशेष रूप से ठंड के मौसम के प्रभाव के प्रति संवेदनशील होते हैं। उन्हें इस अवधि के दौरान अतिरिक्त देखभाल करनी चाहिए।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मौसम विभाग स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है और नियमित अपडेट जारी कर रहा है। उनके मार्गदर्शन का पालन करने और आवश्यक सावधानियां बरतने से उत्तरी मैदानी इलाकों के निवासियों को इस कोहरे और ठंड से सुरक्षित और आराम से निपटने में मदद मिलेगी।
राम बहादुर /मोहित