उत्तर प्रदेश में गलन भरे दिन के साथ होगा नये साल का आगाज
पांच से सात किलोमीटर की रफ्तार से चल रही बर्फीली हवाएं दे रही संकेत
लखनऊ (हि.स.)। नये साल आने पर सभी लोग जश्न की तैयारी पर हैं, पर रात में चली बर्फीली हवाओं से साफ हो गया कि उत्तर प्रदेश में नये साल का आगाज गलन भरे दिन के साथ होगा। मौसम विभाग का कहना है कि रात से उत्तरी पश्चिमी हवाएं तेज हो गयी हैं जिससे गुरुवार की रात जब लोग नये साल के जश्न में डूबे होंगे तब शीतलहर से लोगों को अपने बचाव के लिए मजबूत व्यवस्था करना पड़ेगा। यह बर्फीली हवाएं उत्तर प्रदेश सहित पटना तक गुरुवार की रात तक अपना प्रकोप बढ़ाएंगी, जिससे न्यूनतम तापमान में तीन से पांच डिग्री सेल्सियस तक की कमी आएगी। इसके साथ ही आसमान में कोहरा भी बढ़ेगा जिससे वाहन सवारों की मुश्किलें और बढ़ेंगी। जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में इन दिनों जगह—जगह भारी हिमपात हो रहा है। इसका असर मैदानी क्षेत्रों में भी पड़ रहा है पर बीते दो दिनों तक हवाओं की दिशाएं उत्तरी पूर्वी होने से उत्तर प्रदेश में शीतलहर कमजोर हो गया था, लेकिन देर रात से हवाएं फिर से उत्तरी पश्चिमी हो गयी। इसके चलते न्यूनतम तापमान में गिरावट आ गयी और बर्फीली हवाओं के तेज होने से रात में राहगीरों के हाड़ कांप उठे। जैसे-जैसे रात गहराई उनकी हिम्मत जवाब देने लगी। किसी ने चाय व काॅफी की चुस्कियों के बीच अपना सफर तय किया तो किसी ने सड़क पर जलने वाले अलाव के सहारे दूरियां तय की। कड़ाके की सर्द हवा के बीच बच्चे व बुजुर्ग रजाई में ही दुबके रहे। पानी इतना ठंडा रहा कि उसे छूने पर ऐसा लग रहा था जैसे बर्फ का टुकड़ा हाथ में ले लिया हो। इसके साथ ही गुरुवार का दिन कोहरे के धुंध के साथ निकला और सड़कों पर वाहन रेंगते दिखे।
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के मौसम वैज्ञानिक डाॅ. एसएन पांडेय ने गुरुवार को बताया कि तापमान गिरने का एक कारण हवा का बदलाव भी है। चार दिन पहले दक्षिणी पश्चिम हवाएं चल रही थीं जो दो दिन पहले बदलकर उत्तर पूर्वी हो गईं। इसमें कल फिर बदलाव आया और अब पांच से सात किमी प्रति घंटा की रफ्तार से उत्तर पश्चिम हवाएं चल रही हैं। जिसके चलते एक दिन के अंदर पारा तीन डिग्री सेल्सियस गिर गया। बताया कि उत्तर पश्चिम हवा पहाड़ों से निकलकर आ रही है और मैदानी क्षेत्रों में इन्हीं के कारण शीत लहर चलती है। इन हवाओं के अपनी दिशा बदलने के बाद अब एक जनवरी से शीत लहर चलने की संभावना है। गुरुवार की रात कानपुर प्रदेश का सबसे ठंडा जनपद हो सकता है और प्रदेश में जनवरी माह में शीतलहर चलने के साथ ही कोहरा का भी प्रकोप बढ़ेगा। बताया कि उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जनपदों में न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे चल रहा है। इसके साथ ही तीन जनवरी को उत्तर प्रदेश में स्थानीय स्तर पर हल्की बारिश की भी संभावना है।