उतरौला के मदरसा अल जामियातुल गौसिया अरबी कॉलेज के प्रांगण में जीलां कॉन्फ्रेंस
रोहित कुमार गुप्ता
उतरौला बलरामपुर। उतरौला के मदरसा अल जामियातुल गौसिया अरबी कॉलेज के प्रांगण में प्रबंधक अयाज मुस्तफा खान के जेरे एहतमाम तजल्लियाते शहे जीलां कॉन्फ्रेंस व सालाना जलसे में 60 फजीलत , 8 आलिम, 13 हाफिज एवं 15 कारी समेत कुल 42 तलबा की दस्तारबंदी हुई। कोर्स पूरा कर चुके सभी तलबा को मदरसा प्रबंधक अयाज मुस्तफा खान, प्रिंसिपल मौलाना बैतुल्लाह, मुफ्ती मसीहुद्दीन हशमती व अन्य उलेमाओं द्वारा अमामा, जुब्बा पहनाकर उन्हें प्रमाण पत्र दिया गया। इससे पूर्व हाफिज फरहान की किरत से सालाना जलसे का आगाज किया गया। प्रबंधक अयाज मुस्तफा खान, सदर फजलहक खान, सहायक अध्यापक मोईन सिद्दीकी एवं मदरसा चंदापुर पिपरी के प्रबंधक प्रधान सुल्तान खान ने आए हुए सभी आलिम ए दीन की गुलपोशी कर इस्तकबाल किया।
बिहार के मौलाना डॉक्टर मुफ्ती शहरयार ने कॉन्फ्रेंस को किताब करते हुए कहा कि
आज दसतार में तलबा को आलिम, फाज़िल, कारी व हाफिज का डिग्री दिया गया है। अब ये तलबा भी किसी मौलवी की तरह इस्लाम धर्म की जानकारी देने का हक रखते हैं। उन्होंने कहा कि एक दीनी तालीम याफ्ता तलबा पूरे खानदान को संवार सकता है। उन्होंने कहा कि समाज की मुख्य धारा से जुड़ने, काम और देश की सेवा करने के लिए दीनी तालीम साथ दुनियावी तालीम भी बेहद ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि यदि एक बच्चा मुकम्मल कुरान याद करके अपने सीने में रख सकता है तो वह देश की सर्वोच्च परीक्षाओं को पास कर आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर, साइंटिस्ट बन कर अपने कौम और देश का नाम रोशन कर सकता है। इल्म रखने वाला व्यक्ति हमेशा ताकतवर रहता है। उन्होंने कहा कि इल्म के बगैर इंसान का जीवन बेकार है। गलत लोगों से दूर रहने, अच्छे और पढ़े लिखे लोगों के साथ उठने बैठने का नसीहत भी दिया। सोशल मीडिया पर वक्त बर्बाद न करने का हिदायत दिया। दिल लगाकर पढ़ाई में समय का सदुपयोग करने का सलाह दिया।
मुंबई के मुफ्ती जुल्फिकार अहमद बरकाती नबी की शान व अजमत पर विस्तार से रोशनी डालते हुए उनके सीरत को जीवन में उतारने को कहा। उन्होंने कहा कि नबी मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम किसी एक धर्म व कौम के नहीं है बल्कि सारे आलम के लिए रहमत बनकर आए।
मौलाना फैजान राजा जमाली ने कहा कि दीन के रास्ते से हाटोगे तो परेशान किए जाओगे और मारे जाओगे। हमेशा दीन के रास्ते पर कायम व दायम रहो।
नात ख्वान कोलकाता के असद इकबाल, बहराइच के जिया यजदानी व रहीम रज़ा बलरामपुरी की नात सुनकर पूरा मजमा झूम उठा। कॉन्फ्रेंस की सदारत प्रधानाचार्य मौलाना बैतुल्लाह, सरपरस्ती मुफ्ती मसीहुद्दीन हशमती व निजामत मौलाना मोइन अख्तर ने किया। जलसे में लोगों का भारी हुजूम रहा। सलातो सलाम व दुआ के बाद जलसे का समापन किया गया।