ई कॉमर्स को मात देने के लिए सोशल कॉमर्स व्यापार नया विकल्प

लखनऊ (हि. स.)। ऑल इण्डिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के प्रदेश संयोजक विनोद महेश्वरी और प्रदेश अध्यक्ष मनीष वर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ई कॉमर्स को मात देने के लिए सोशल कॉमर्स व्यापार नया विकल्प है। भारत में सोशल कॉमर्स तेजी से मजबूत बिजनेस वर्टिकल के रूप में उभर रहा है। इसका आधार ई-कॉमर्स से भी बड़ा है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2026 तक सोशल कॉमर्स ई-कॉमर्स को काफी पीछे छोड़ देगा। व्हाट्सएप, फेसबुक और इंस्टाग्राम के ज़रिए बड़े पैमाने पर सोशल कॉमर्स व्यापारियों में फैलता जा रहा है। भारत में सोशल कॉमर्स का वर्तमान बाज़ार आकार लगभग 08 बिलियन डॉलर का है, जो 2030 में लगभग 85 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इसमें एक बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश का भी है। जिस तरह से प्रदेश भर में व्यापारियों एवं ग्राहकों के बीच सोशल कॉमर्स का चलन तेज़ी से बढ़ा है।

विनोद महेश्वरी ने कहा कि वर्तमान में भारत में व्हाट्सएप पर 75 करोड़, फेसबुक पर 37 करोड़ और इंस्टाग्राम पर 33 करोड़ उपयोगकर्ता हैं। जो ई कॉमर्स की तुलना में बहुत बड़ी संख्या है। कैट ने एक तरफ सरकार से ई कॉमर्स नीति और नियमों को तुरंत लागू करने की पुरजोर मांग की है, वहीं दूसरी तरफ उसने सोशल कॉमर्स को सबसे बड़ा डिजिटल व्यापार का ज़रिया बनाने का फैसला किया है। यह व्यापार परिदृश्य और विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के कदाचार को हराने के लिए एक प्रभावी उपकरण साबित होगा।

शरद/दिलीप

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