ईवीएम पर शक की गुंजाइश नहीं, वीवीपैट लगाना भरोसा जगाने का कदम
मीरजापुर(हि.स.)। इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित और भरोसेमंद है। इसके साथ किसी तरह छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। हर ईवीएम के साथ एक वीवीपैट (वोटर वैरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल) मशीन है। इससे चुनाव में गड़बड़ी को लेकर शक करने की गुंजाइश नहीं है।
वीवीपैट यानी वोटर वैरिफायबल पेपर आडिट ट्रेल एक प्रिंटर मशीन है, जो ईवीएम की बैलेट यूनिट से जुड़ी होती है। यह मशीन बैलेट यूनिट के साथ उस कक्ष में रखी जाती है, जहां मतदाता गुप्त मतदान करने जाते हैं। वोटिंग के समय वीवीपैट से एक पर्ची निकलती है। इसमें उस पार्टी और उम्मीदवार की जानकारी होती है, जिसे मतदाता ने वोट डाला। वोटिंग के लिए ईवीएम का बटन दबाने के साथ वीवीपैट पर एक पारदर्शी खिड़की के जरिए मतदाता को पता चल जाता है कि उसका वोट संबंधित उम्मीदवार को चला गया है।
छेड़छाड़ होने पर काम करना बंद कर देती हैं ईवीएम मशीनें
साइबर एक्सपर्ट दीपक कुमार ने बताया कि नई वोटिंग मशीनें तकनीकि रूप से ज्यादा उन्नत है। उनके साथ छेड़छाड़ होने पर काम करना बंद कर देती हैं। नई मशीनों में ऐसी तकनीक है जिससे वे आपस में असली और नकली ईवीएम की पहचान कर सकते हैं। नई मशीनें एक-दूसरे से एक नेटवर्क के जरिए जुड़ी हुई है। किसी अनाधिकृत निर्माता द्वारा निर्मित मशीन इस नेटवर्क से नहीं जुड़ पाएगी। नई एम तीन वोटिंग मशीनें पुरानी एम दो मशीनों से ज्यादा तकनीक कौशल है, लेकिन प्रयोग करने में उनकी तरह ही आसान और सहज है।
बटन दबाते ही स्वत: लॉक हो जाती है ईवीएम मशीन
ईवीएम साधारण सी दिखने वाली एक मशीन है। इसकी सहायता से बटन दबाकर अपने पसंदीदा उम्मीदवार को वोट देते हैं। इस मशीन में चुनाव में खड़े हर उम्मीदवार के नाम और उसकी पार्टी के चुनाव चिन्ह का एक बटन होता है। ईवीएम मशीन की दो ईकाइयां होती हैं। एक नियंत्रण इकाई, जो मतदान अधिकारी के पास होती है और दूसरी मतदान इकाई जिसमें मतदाता अपना मत डालता है। सबसे पहले मतदान अधिकारी नियंत्रण इकाई को सक्रिय करता है ताकि मतदाता अपना वोट मतदान इकाई में डाल सके। जैसे ही मतदाता अपने उम्मीदवार के लिए मतदान इकाई वाली ईवीएम मशीन का बटन दबाते हैं, मशीन स्वत: ही लॉक हो जाती है।
गिरजा शंकर