इस्लाम में शिक्षा हासिल करना अनिवार्य : शमीम अख्तर

अनु अली अन
गोण्डा।
मीना शाह इंस्टीट्यूट की ओर से संचालित दस दिवसीय समर इस्लामिक क्लासेस का समापन हो गया। पूर्व उप श्रमायुक्त देवी पाटन मंडल शमीम अख्तर अंसारी मुख्य अतिथि रहे। वहीं मौलाना जमील सिद्दीकी व डॉ ओवैद् महमूद, उतरौला के डॉ एहसान विशिष्ट अतिथि रहे। मुख्य अतिथि श्री अख्तर ने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस्लाम ही एक ऐसा धर्म है जिसने शिक्षा प्राप्त करना अनिवार्य किया है। उन्होंने कहा कि मगर अफसोस हमारी कौम को सिर्फ फर्ज़ के नाम पर सिर्फ रोज़ा नमाज़ इत्यादि ही बताया जाता है। उन्होंने कहा कुरान का प्रारंभ ही इकरा यानी पढ़ने से हुआ है। डॉ ओबैद महमूद ने कहा कि आपको जीवन के हर क्षेत्र का ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। उसका एक मात्र उद्देश्य धन कमाना नही बल्कि मानव सेवा के जरिये अपने खुदा को प्रसन्न करना होना चाहिए। मौलाना जमील सिद्दीकी ने कहा कि पश्चिमी सभ्यता से ग्रस्त हमारी वर्तमान शिक्षा व्यवस्था ने हमारे बच्चों को अपनी तहज़ीब से दूर कर दिया है। इस दौरान उत्कृष्ट स्थान पाने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया। संचालन संयुक्त रूप से नजमी कमाल व जमशेद वारसी द्वारा किया गया। स्वागत फोरम के उपाध्यक्ष हाजी मुशफीक व अध्यक्ष डॉ महमूद आलम ने धन्यवाद दिया। समर क्लास के इंचार्ज लतीफुररहमान रिपोर्ट प्रस्तुत की। डॉ सादिर खां, ज़ुबैर खां, डॉ राशिद इकबाल, तुफैल, शम्सुल् हक, सगीर उस्मानी, अरुण सिंह, फ़ैज़ बारी, समेत छात्र और अभिभावक मौजूद रहे।

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