इटावा: सफारी पार्क में काले हिरणों की मौत, तीन की पुष्टि

इटावा (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद में स्थित सफारी पार्क में तेंदुओं के हमले में कई हिरणों की मौत से हड़कप मच गया है, काले हिरणों की मौतों को लेकर सफारी प्रबंधन ने पहले पर्दा डालने की कोशिश की, जब कामयाब नहीं हुए तो केवल तीन की मौत को स्वीकार करते हुए सामान्य मौत करार देने में जुट गये।

इटावा सफारी पार्क के निदेशक एस.एन.मिश्रा ने पुष्टि करते हुए बताया कि सफारी की एंटीलोप सफारी में तीन काले हिरन की मौत हुई है। जो स्वाभाविक मौते हैं। सभी का पोस्टमार्टम कराया गया है। एंटीलोप सफारी की निगरानी बढ़ा दी गई है। सफारी में तेंदुआ या जंगली बिल्ली के होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। पोस्टमार्टम के बाद सभी हिरणों का बिसरा सुरक्षित रखा गया है।

यह पहला मामला है कि जब काले हिरण की मौत एंटीलोप सफारी में हुई है। काला हिरण केंद्रीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत शेड्यूल-1 श्रेणी का जानवर है।

सूत्रों की मानें तो एक सप्ताह में तेंदुए के हमले में 12 काले हिरन की मौत हुई है। यह सब एंटीलूप सफारी में तेंदुए के घुस आने के बाद किये गये शिकार से मौते हुई है। जब सफारी प्रबंधन ने काले हिरणों की इन मौतों को स्वाभाविक मौत करार दिया है। सप्ताह भर में तेंदुए ने एक दर्जन काले हिरणों का शिकार किया है। लेकिन सफारी प्रशासन इनकी संख्या तीन ही बता रहा है। पोस्टमार्टम में इनकी मौत का कारण आंतरिक चोट आपस में लड़ने के कारण व सेफ्टीसीमिया बीमारी बताया गया है।

काले हिरनों की मौत को लेकर सफारी प्रशासन अलर्ट मोड में चला गया है। पूरे एंटी लोप सफारी में निगरानी बढ़ दी गई है। तेंदुए के होने की आशंका को लेकर नाइट विजन कैमरे लगाए गए हैं। रात में कर्मचारियों की ओर से गश्त किया जा रहा है। सफारी अधिकारी लगातार निगरानी करने में जुटे हुए हैं।

गौरतलब है कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब सफारी में तेंदुआ इस तरह से घुसा हो। इससे पहले भी 2019 में दिसंबर माह में तेंदुआ सफारी के बफर जोन में आ गया था। उस समय यमुना के जंगल से आने की बात पुष्टि हुई थी। जिसको सफारी के अधिकारियों ने बड़ी मशक्कत के बाद पिंजड़ा लगाकर पकड़ा था और दुधवा नेशनल पार्क में ले जाकर छोड़ दिया था। एक बार फिर से तेंदुए के घुसने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

सफारी प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि तेंदुए के कोई चिह्न पंजे के नहीं मिले हैं फिर भी वे तेंदुआ या जंगली बिल्ली होने की संभावना से इंकार नहीं कर रहे हैं।

रोहित

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