आश्चर्य: किसानों को खिला दिए 20 लाख के डोसे,17 लाख का पानी

झांसी (हि.स.)। पहले वन विभाग फिर सिंचाई विभाग और सोमवार को कृषि विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार को सबूतों और प्रपत्रों समेत प्रस्तुत करते हुए किसान रक्षा पार्टी ने कृषि अधिकारियों पर हल्ला बोला। पार्टी के अध्यक्ष ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि किसानों के नाम पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने भ्रष्टाचार की खुली लूट की। किसानों को 20 लाख के डोसे कानपुर से लाकर खिलाए गए। इस गोष्ठी में किसानों को 17 लाख का पानी और 05 लाख की मिठाई भी खिलाई गई।

मीडिया को संबोधित करते हुए किसान नेता गौरीशंकर विदुआ व मुदित चिरवारिया ने बताया कि कृषि विभाग की दो इकाइयां राष्ट्रीय जलागम झांसी व राष्ट्रीय जलागम चिरगांव जन सूचना अधिकार कानून के तहत प्राप्त सूचनाओं के आधार पर जो जानकारी मिली उसमें पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेन वाटर हार्वेस्टिंग योजना अंतर्गत कराए गए कार्यों में गंभीर अनियमितताएं पाई गयी। जिसमें मुख्य रुप से दर्शाए गए वाहनों में कार्य के लिए लगाई गई लेबर में दर्शाई गई लेबर के जो नाम सामने आए है वे संभ्रांत नागरिक एवं बड़े काश्तकार हैं। इनके परिवार में कभी किसी ने मजदूरी नहीं की है तथा पक्के कार्य के लिए खरीदे गए बोल्डर, गिट्टी, सीमेंट व बालू आदि के बिल वाउचर में जमकर धांधली हुई है। पुष्टि के लिए प्रपत्र संलग्न है।

वर्ष 2019-20 में उप कृषि निदेशक प्रसार के कार्यालय से 20 लाख रुपये के डोसा कानपुर के बाबा अम्बि डोसे वाला से मंगा कर किसानों को खिला दिए। इसी वर्ष दयाराम प्रजापति स्वीट मेकर से 05 लाख रुपये का मीठा किसानों को खिलाया गया। मामला यही नहीं रुका। किसानों को 17 लाख का पानी भी पिलाया गया। जबकि पूरे जनपद में ढूंढने पर एक भी किसान ऐसा नहीं मिला जिसको गोष्टी एवं कृषि विभाग द्वारा आयोजित किसी भी कार्यक्रम में डोसा या मिठाई खिलाई गई हो।

उप कृषि निदेशक प्रसार के कार्यालय के द्वारा तीन प्राइवेट फर्म व तीन एनजीओ को लगभग 92 लाख का किया गया भुगतान विशेष संदिग्ध है। जन सूचना के तहत उक्त धन के बिल वाउचर तो मांगे गए लेकिन अभी तक विभाग द्वारा दिए नहीं गए। विभाग द्वारा सरकारी धन को अपने ही कार्यालय के कर्मचारियों के खातों में जो भुगतान किया गया वह संदिग्ध भी है। उन्होंने बताया कि किसानों की उन्नति के लिए सरकार द्वारा दिए गए धन की सामूहिक लूटपाट का उदाहरण शायद ही कहीं और देखने को मिले यदि किसानों के लिए आया पैसा किसानों को मिलने लगे तो बुंदेलखंड से भुखमरी पलायन एवं आत्म हत्याओं का दौर खत्म हो जाए। उन्होंने यह भी बताया कि जन सूचना द्वारा प्राप्त दस्तावेजों को सभी किसान उच्च स्तरीय जांच के लिए मंडलायुक्त को एक सितंबर को सौंपेंगे ताकि भ्रष्ट अधिकारियों पर अंकुश लगाया जा सके।

इस अवसर पर जगदीश सिंह, जय सिंह, पवन तिवारी, श्यामसुंदर तिवारी, अमर सिंह, पप्पू पाल पुखन्न, लालकुमार, राजाबेटी,रजिया, राजकुमारी, हरिदास पाल, प्रसादी पाल आदि महिला किसान सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहें।

error: Content is protected !!