‘आरबीएसके’ ने आठ साल के ‘अंश’ को दिया नया जीवन

वाराणसी (हि.स.)। चोलापुर ब्लॉक निवासी अजय कुमार गुप्ता व रीता के पुत्र अंश (8) को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) ने नया जीवन दिया है। आरबीएसके की पहल पर अंश के जन्मजात हृदय रोग का अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में करीब पांच घंटे चली ओपन हर्ट सर्जरी से सफल इलाज हुआ।

अंश अब तेजी से स्वस्थ हो रहा है। बेटे को जीवनदान मिलने पर पिता अजय कुमार गुप्ता व मां रीता ने भारत सरकार,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम और इससे जुड़े स्थानीय अफसरों का आभार जताया है।

अंश के सफलतापूर्क इलाज में चोलापुर सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ आरबी यादव के नेतृत्व में आरबीएसके टीम के लीडर डॉ अमित कुमार सिंह, डॉ प्रदीप जयसवाल, डॉ प्रदीप कुमार पांडे व डॉ प्रतिभा गुप्ता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

आरबीएसके टीम के डॉ प्रदीप जायसवाल ने मंगलवार को बताया कि अंश के माता-पिता शुरुआत से ही उसके स्वास्थ्य को लेकर काफी चिंतित थे, लेकिन वह कभी समझ नहीं पाये कि उनके बच्चे को जन्मजात हृदय रोग है। अंश (8) के जन्मजात हृदय रोग के महंगे इलाज को लेकर इधर उधर भटकने के बाद बच्चे के माता-पिता लगभग दो माह पहले आरबीएसके के तहत प्रशिक्षित शिक्षकों से मिले और उन्हें बताया कि कुछ भी काम करने से वह बहुत जल्दी थक जाता है। वह बाहर से पूर्ण रूप से स्वस्थ दिखता था, लेकिन अंदर से बेहद कमजोर था। इस पर शिक्षकों ने आरबीएसके टीम को जानकारी दी।

डॉ प्रदीप बताते हैं कि आरबीएसके की टीम ने अंश की स्क्रीनिंग की और उसके माता-पिता को बताया कि अंश को जन्म से ही हृदय में समस्या है, जिसे अंग्रेजी में कंजीनाईटल हर्ट डीजीज कहते हैं, जिसके इलाज में करीब तीन लाख रुपये का खर्चा आता है। यह सुनकर अंश के माता-पिता के पैरों तले जमीन खिसक गयी। लेकिन जब उन्हें पता चला कि सरकार इसका इलाज मुफ्त में कराएगी तो उन्हें बेहद खुशी मिली।

उन्होंने बताया कि इसके बाद अंश को पं0 दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के हृदय रोग विशेषज्ञ को दिखाया गया, जहां उन्होंने बताया कि अंश की ओपन हर्ट सर्जरी होगी। इसके लिए आरबीएसके के तहत अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज को चिन्हित किया गया है, जहां अंश का इलाज किया जाएगा। इसके बाद आरबीएसके टीम ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीबी सिंह के निर्देशन में नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ एके गुप्ता एवं डीईआईसी मैनेजर डॉ अभिषेक त्रिपाठी से अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज के लिए संदर्भन पत्र मिला।

डॉ एके गुप्ता बताते हैं कि कोरोना के कारण करीब दो साल बाद पहली सर्जरी हुई है। उन्होंने बताया कि अंश की सर्जरी करीब पांच घंटे तक चली। इस दौरान अंश को पांच यूनिट खून भी चढ़ाया गया। अब जब अंश का इलाज पूरा हो चुका है तो उसके माता-पिता बेहद खुश हैं।

भारत सरकार का बेहद खास स्वास्थ्य कार्यक्रम है ‘आरबीएसके’

सीएमओ डॉ वीबी सिंह ने बताया कि आरबीएसके, भारत सरकार का बेहद खास स्वास्थ्य कार्यक्रम है जिसके तहत जन्मजात 39 प्रकार की विकृतियों व रोग का निःशुल्क इलाज किया जाता है। यदि किसी भी बच्चे को जन्म से ही किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या है तो वह अपने क्षेत्र की आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों के शिक्षकों या स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क कर सकते हैं।

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