आखिरकार चीन ने दिखा दिया असली रूप

कहा, ग्रीन टॉप से नहीं हटेंगे हमारे सैनिक

नेशनल डेस्क

नई दिल्ली. भारत चीन सीमा विवाद के बीच अब खबर है कि पड़ोसी देश ने डिसएंगेजमेंट प्रॉसेस के दौरान पैंगोंग झील के पास ग्रीन टॉप से अपने सैनिक हटाने से इंकार कर दिया है. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की ओर से रविवार को मोल्दो स्थित चीनी बेस पर आयोजित वार्ता के दौरान यह बात सामने आई. सरकारी सूत्रों ने बताया कि लद्दाख में एलएसी पर जारी डिसएंगेजमेंट प्रॉसेस के केंद्र में स्थित पैगॉन्ग झील से चीन से अपने सैनिक हटाने से मना कर दिया है. पैंगोंग के उत्तरी किनारे से निकली एक चोटी पर झाड़ी से ढका पठार है. यह इलाका उन जगहों में से एक है जहां पीएलए और भारतीय सेना की उच्च-स्तरीय वार्ता के पांच दौर के बावजूद भी यहां गतिरोध हल नहीं हो पाया है. वहीं भारत को उम्मीद है कि विदेश मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल दोनों के राजनयिक प्रयासों से ग्रीन टॉप, गोगरा के पास पैट्रोल प्वाइंट 17 ए और डिपोंग मैदान के पास पैट्रोल प्वाइंट 13 पर विवादों को सुलझाने में मदद मिल सकती है. बीते हफ्ते चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा था कि ’मोर्चे पर तैनात अधिकांश जगहों से डिसएंगेजमेंट प्रॉसेस पूरी कर ली गई है और जमीनी हालात ठीक हो रहे. उन्होंने बाकी जगहों पर जारी गतिरोध को स्वीकार किया था.
वहीं अधिकारियों का कहना है कि पीएलए द्वारा अप्रैल में किये गये कब्जे वाले सभी क्षेत्रों से हटने की इच्छा को लेकर सरकार में संशय बढ़ रहा है. एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने कहा, ’बातचीत ने तात्कालिक सफलता हासिल कर ली है कि कम से कम हिंसा ना हो. वास्तिवकता यह है कि चीन अभी भी उस क्षेत्र पर कब्जा कर रहा है जहां वह अप्रैल में आया था यह निश्चित रूप से इससे उनके प्रति विश्वास और कम हो रहा है.’ सरकारी सूत्रों ने कहा कि पीएलए के कमांडर्स ग्रीन टॉप पर कब्जा करना चाहते हैं क्योंकि इससे धन सिंह पोस्ट पर साफ-साफ देखा जा सकता है जो पैंगोंग झील के आसपास भारतीय टुकड़ी के मूवमेंट्स के लिए अहम जगह है. बातचीत में पीएलए ने दावा किया है कि भारत द्वारा इलाके में किये गये निर्माण के बदले ग्रीन टॉप पर उसकी स्थिति वैध है.

error: Content is protected !!