आई फ़्लू से बच्चा-बूढ़ा सभी परेशान, जानें बचाव के तरीके
– चश्मा लगाकर स्कूल जा रहे बच्चे, बड़े भी परेशान
– चिकित्सक ने बताये सावधानी के तरीके
गोरखपुर (हि.स.)। जिले शहरी क्षेत्रों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक आई फ़्लू का प्रकोप देखा जा रहा है। इससे न सिर्फ बड़े परेशान हैं, बल्कि बच्चे भी दिक्कत में हैं। आलम यह है कि स्कूल जाने वाले बच्चों की आंखों पर काला चश्मा चढ़ गया है। बड़े भी अपनी आंखों के बचाव में तरह तरह के उपाय अपना रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कोई झोलाछाप चिकित्सक से इलाज करवा रहा है तो कोई अपनी आंखों की सेहत के बारे में चिंता किये बगैर खुद के हिसाब से दवा की ड्राप खरीद कर डाल रहा है। आईये हम जानें कि एक चिकित्सक के नजरिये से हमें क्या करना चाहिए?
बरसात के दिनों में आई फ़्लू का प्रकोप तेजी से बढ़ता है। इससे कई अन्य गंभीर बीमारियों के बढ़ने का खतरा बना रहता है। ऐसे में बिना किसी चिकित्सक के सलाह के कुछ भी करना घातक हो सकता है। हां, यह जरूर है कि कुछ सावधानियां हम घर पर भी अपना सकते हैं।
नेत्र चिकित्सक डॉ. वाई.के. सिंह कहते हैं कि इस मौसम में यदि आंखों मे लालिमा, सूजन, खुजली और दर्द महसूस होता है तो बिना देर किये चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए। बावजूद इसके घर पर कुछ सावधानियां रखी जा सकती हैं। इनका कहना है कि हजारों की संख्या में लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। 03 से 07 दिन तक चल रहा आंखों का यह संक्रमण कई बार 10-10 दिन में भी पूरी तरह ठीक नहीं हो रहा है। आंखों में लाली के साथ कंजक्टिवाइटिस के लक्षण बने हुए हैं।
रखें सावधानी
– आई फ्लू से आराम के लिए आंखों की गर्म या ठंडी सिकाई करें।
– यदि आप आई फ्लू जैसी बीमारी से ग्रसित होते है तो कॉन्टैक्ट लेंस लगाने से बचें।
– आई मेकअप से दूरी बनाएं रखें।
– यदि संभव हो तो घर से बाहर कम से कम निकालें।
– अपनी आंखों को बेहतर महसूस कराने के लिए नम, गर्म या ठंडे सेक का उपयोग करें।
– चिकनाई देने वाली आई ड्रॉप (कृत्रिम आंसू) का उपयोग करें।
– अपनी आंखों को छूने या रगड़ने से बचें। इससे स्थिति खराब हो सकती है या यह आपकी दूसरी आंख तक फैल सकती है।
डॉ. आमोदकांत/मोहित