आईआईटी करेगा रेलवे का आधुनिकीकरण
कानपुर (हि.स.)। भारतीय रेलवे ने बुधवार को आईआईटी के साथ अनुसंधान और विकास में तेजी लाने के लिए एक समझौते पर विस्तार प्रदान किया है। इस समझौते से रेलवे का इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर अन्य कई खामियों में नवीनीकरण हो सकेगा।
भारतीय रेलव ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के सेंटर फॉर रेलवे रिसर्च (सीआरआर) के माध्यम से अपनी वैज्ञानिक संपत्तियों के उपयोग और रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण के लिए अत्याधुनिक सहयोगी अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए आई आई टी कानपुर के साथ बुधवार को समझौता ज्ञापन का विस्तार किया है। अलका अरोरा मिश्रा, प्रधान कार्यकारी निदेशक (टीएंडएमपीपी), रेल मंत्रालय और प्रोफेसर ए०आर० हरीश, डीन, आरएंडडी, आईआईटी कानपुर के बीच समझौता ज्ञापन पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ, विनोद कुमार यादव, प्रो. अभय करंदीकर निदेशक आई आई टी कानपुर, महानिदेशक वशिष्ठ जौहरी, महाप्रबंधक, दक्षिणी रेलवे, और प्रोफेसर आर० हेगड़े, हेड, रेलवे अनुसंधान केंद्र आईआईटी कानपुर की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए।
प्रोफेसर अजीत के० चतुवेर्दी, निदेशक, आईआईटी रुड़की, प्रो० भास्कर राममूर्ति, निदेशक, आई आई टी मद्रास, प्रो० रवींद्र गेट्टू, आईआईटी मद्रास भी इस अवसर पर शामिल थे। इस समझौते से इलेक्ट्रिकल लोकोमोटिव, प्रेरक शक्ति, लोकोमोटिव नियंत्रण और संचार प्रणाली, ट्रैक्शन इंस्टॉलेशन, कंडीशन बेस्ड मॉनिटरिंग, सिग्नल प्रोसेसिंग का उपयोग करके ट्रेन और ट्रैक सुरक्षा, पावर और वाहन नियंत्रण इलेक्ट्रॉनिक्स, ड्राइवर इंटरफ़ेस सिस्टम, ट्रेन स्तर सेंसर नेटवर्क और इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स, विद्युत सुरक्षा, नेटवर्क नियंत्रण, आईआईटी कानपुर में सेंटर फॉर रेलवे रिसर्च के माध्यम से संबंधित तकनीकी क्षेत्रों में स्टाफ प्रशिक्षण के साथ-साथ मुख्य क्षेत्र में अनुसंधान की सुविधा प्रदान करेगा। वर्तमान में सीआरआर की अपनी प्रशासनिक इकाई है जो इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में स्थित है।
आईआईटी कानपुर में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में सेंटर फॉर रेलवे रिसर्च को लोको रिसर्च एंड प्रोपल्शन टेक्नोलॉजीज, ट्रैक्शन इंस्टॉलेशन/ओएचई और संबंधित इलेक्ट्रॉनिक्स के व्यापक अनुसंधान डोमेन के साथ सौंपा गया है।