आइए जानें हरियाली, कजरी और हरतालिका तीज में भेद?
धर्म कर्म डेस्क
हिंदू धर्म में व्रत और त्योहार का विशेष महत्व है। कुछ समय को छोड़ दिया जाए तो पूरे साल भारत में त्योहारों की धूम रहती है। खासकर उत्तर भारत में त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाए जाते हैं। कुछ त्योहार ऐसे होते हैं, जो महिलाओं के लिए सबसे खास होते हैं। इन त्योहार और व्रत को महिलाएं धूमधाम से मनाती हैं। इन्हीं में से एक है तीज का त्योहार, जो साल में तीन बार आता है, हरियाली तीज, कजरी तीज व हरितालिका तीज। सुहागिन महिलाएं तीज का व्रत रखती हैं। यह व्रत महिलाएं पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखती हैं। खास बात है कि यह व्रत निर्जला रखा जाता है यानि की बिना अन्न-जल ग्रहण किए। इन तीनों तीज का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है और इन तीनों तीज में भगवान शंकर व माता पार्वती की पूजा की जाती है। भले ही एक-दूसरे से अलग हों, लेकिन इनमें कुछ समानता भी है। वैसे तो हर माह में दो बार तीज आती है किन्तु साल के तीन तीज के व्रत महत्वपूर्ण होते हैं। यह हैं हरियाली, कजरी और हरतालिका तीज। बहुत से लोग हरियाली व हरितालिका तीज को एक समझने की भूल कर लेते हैं। ऐसे में आज यहां पर जानते हैं कि इन तीनों तीज में क्या और किस तरह का अंतर होता है?
1.हरियाली तीज
हिंदू कैलेंडर के अनुसार हरियाली तीज का त्योहार श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाई जाती है। हरियाली तीज को श्रावणी तीज के नाम से भी जानते हैं। इसमें सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की कामना के साथ यह व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और हरे रंग के कपड़े और चूड़ियां पहनती हैं। इस साल हरियाली तीज 31 जुलाई को थी। हरियाली तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। धर्म शास्त्रों के मुताबिक हरियाली तीज की तिथि पर ही भगवान शिव ने देवी पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। हरियाली तीज पर महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखते हुए भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा-आराधना की जाती है।
2.कजरी तीज
हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर कजरी तीज का त्योहार मनाया जाता है। यह व्रत भी सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। कजरी तीज को सातुड़ी तीज और भादो तीज के नाम से भी जाना जाता है। कजरी तीज के त्योहार को मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान में मनाया जाता है। इस तीज में सुहागिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं।
3.हरितालिका तीज
हरितालिका तीज का व्रत हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल हरितालिका तीज का व्रत 31 अगस्त को रखा जाएगा। इसे उत्तर और मध्य भारत में तीजा के नाम भी जाना जाता है। विवाहित महिलाएं अपने अखंड सौभाग्य की कामना के लिए यह व्रत रखती हैं और अविवाहित लड़कियां अच्छे वर की कामना के लिए भी इस व्रत को रखती हैं। धार्मिक शास्त्रों में उल्लेख है कि भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए मां पार्वती ने इस व्रत को रखा था, इसलिए इस व्रत का महत्व बढ़ जाता है। हरतालिका तीज में महिलाएं पूरे दिन बिना जल ग्रहण किए व्रत का पालन करती है और व्रत के अगले दिन जल ग्रहण करती हैं। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।
महीने का होता है अंतर
हरियाली तीज सावन महीने में हरियाली अमावस्या के बाद शुक्ल पक्ष में आने वाली तीज होती है। जबकि हरितालिका तीज भाद्रपद शुक्ल तीज को कहते हैं। हरियाली तीज मौज-मस्ती का दिन माना जाता है। इस दिन युवतियां व महिलाएं लहरिया पहनकर झूला झूलती हैं। इस दिन तीज की सवारी के साथ जगह-जगह मेलों का भी आयोजन होता है। जबकि हरितालिका तीज में व्रत के कड़े नियमों का पालन करना होता है। इस दिन मेले का आयोजन भी नहीं होता।
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