अलविदा 2023: काशी को विश्व फलक पर नई ऊंचाई मिली,जी-20 के आयोजन का मिला था दायित्व

-काशी तमिल संगमम-2 ने पूरे देश में विशाल सांस्कृतिक समृद्धि का संदेश फिर दिया

वाराणसी (हि.स.)। साल 2023 के अलविदा होने में दो दिन शेष बचे हैं। खट्टी-मीठी यादों के साथ यह साल अब बस यादों में रह जाएगा। नए साल 2024 का नए उम्मीदों और लक्ष्यों के साथ स्वागत करने की तैयारी चल रही है। वर्ष 2023 ने काशीपुराधिपति की नगरी को वैश्विक फलक पर नई ऊंचाई दी। जी-20 की यहां हुई 06 बैठकों में दुनिया के 20 ताकतवर देशों के प्रतिनिधियों का स्वागत तो हुआ ही, यहां से निकले संदेश को ताकतवर देशों ने आत्मसात भी किया। इस वैश्विक आयोजन के लिए पूरे काशी को दुल्हन की तरह सजाया गया और बड़े वैश्विक आयोजन के लिए काशी में नई पृष्ठभूमि भी तैयार हुई। जी-20 की एग्रीकल्चर वर्किंग ग्रुप की मीटिंग 17 से 19 अप्रैल, यूथ-20 समिट इंगेजमेंट ग्रुप लेवल मीटिंग 13 से 15 जून, डेवलपमेंट वर्किंग ग्रुप मीटिंग 16 से 17 अगस्त, डेवलपमेंट वर्किंग ग्रुप मीटिंग मिनिस्टीरियल लेवल 18 अगस्त,ज्वाइंट लेवल एंड फॉरेन, मिनिस्टीरियल लेवल 19 अगस्त

सस्टनेबल फाइनेंस वर्किंग ग्रुप मीटिंग 28 -29 अगस्त के बीच हुई। साल 2023 में काशी में पर्यटन में भी एक नया कीर्तिमान स्थापित हुआ। इस वर्ष दो दिसंबर 2023 तक पांच करोड़ 38 लाख से अधिक पर्यटक शहर में आए। इसमें भारतीय पर्यटकों की संख्या 5 करोड़ 37 लाख 87 हजार के आसपास रही तो विदेशी पर्यटकों की संख्या 13 हजार 700 से अधिक रही। इसके बाद भी यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। काशी विश्वनाथ के दरबार में भी श्रद्धालुओं ने रिकार्डतोड़ चढ़ावा दिया है। सावन के 59 दिनों में श्रद्धालुओं ने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ते हुए 16.89 करोड़ा रुपये का दान दिया। इसमें नगद के साथ सोना और चांदी भी हैं। साल 2022 में सावन में 3.40 करोड़ रुपये बाबा को दान में मिले थे। साल 2023 में यह आंकड़ा 16.89 करोड़ तक पहुंच गया। श्री काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा के अनुसार धाम के लोकार्पण यानी 13 दिसंबर 2021 से 26 दिसंबर 2023 तक 13,32,69,700 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं।

सावन इस बार दो महीने का था। जुलाई में 72.02 लाख और अगस्त में 95.62 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए। दो महीने में यह संख्या 1.67 करोड़ रही। काशी में दिसम्बर माह के तीसरे और चौथे सप्ताह में आयोजित काशी तमिल संगमम-2 ने एक बार फिर पूरे देश में विशाल सांस्कृतिक समृद्धता का संदेश दिया। समारोह का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। काशी तमिल संगमम से दो संस्कृतियों का मिलन हुआ बल्कि लाखों लोग इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह भी बने। इस कामयाबी में बीएचयू और आईआईटी मद्रास ने जो रूपरेखा तैयार की, उसे साकार करने में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने भी बड़ी भूमिका निभाई। काशी तमिल संगमम में जिस प्रकार से तमिल गीतों-नाट्यों-वाद्यों का प्रस्तुतीकरण किया, वह अपने आप में अनुपम रहा।

साल 2023 के ही नवम्बर माह में वाराणसी में शिवाजी के छत्रपति बनने की भव्य गाथा को जाणता राजा महानाट्य के जरिए दर्शाया गया। 21 से 26 नवंबर तक बीएचयू के एंफीथियेटर मैदान में आयोजित महानाट्य दुनिया में अपनी तरह का एकमात्र और अनोखा रहा।इसमें करीब 300 कलाकारों और 100 तकनीशियनों ने भाग लिया। बलवंत मोरेश्वर पुरंदरे द्वारा लिखित नाटक जाणता राजा का मंचन काशी में यादगार लम्हा बन गया। साल 2023 के दिसम्बर माह में दो दिवसीय दौरे पर काशी आएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 18 दिसम्बर को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी सहित पूरे प्रदेश को 19 हजार 150 करोड़ की 37 परियोजनाओं की सौगात दी।

इसके पहले उन्होंने 23 सितम्बर 2023 को अपने संसदीय क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की सौगात दी थी। लगभग 1115 करोड़ रुपये की लागत से उत्तरप्रदेश में बने 16 अटल आवासीय विद्यालयों का उद्घाटन भी किया था। जुलाई माह में भी प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र को 12 हजार करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाओं की सौगात दी थी। साल 2023 के मार्च माह में सिर्फ चार घंटे के लिए काशी आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्रह सौ करोड़ की परियोजना का शिलान्यास और लोकार्पण किया था। औसतन हर तीसरे महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र में आते रहते हैं।

श्रीधर/सियाराम

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