अलनीनो के आने से खरीफ की फसल पर पड़ेगा प्रभाव : मौसम वैज्ञानिक
– समुद्र में निम्न दाब की स्थिति न बनने से मानसून होगा कमजोर
कानपुर (हि.स.)। समुद्री गतिविधियों को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि इस सीजन में अलनीनो आ सकता है। हालांकि अभी इस पर पूरी तरह से यकीन नहीं किया जा सकता और मई माह के अंत में स्थितियां स्पष्ट हो पाएंगी। फिर भी अगर अलनीनो आता है तो मानसून कमजोर पड़ जाएगा और खरीब की फसल प्रभावित हो जाएगी। यह बातें शुक्रवार को सीएसए के मौसम वैज्ञानिक ने कही।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय (सीएसए) के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने बताया कि इन दिनों समुद्री गतिविधियां जिस तरह से चल रही हैं उससे मौसम विभाग अनुमान लगा रहा है कि प्रशांत महासागर में जून माह में पानी गर्म हो सकता है। इससे समुद्र में निम्न दाब की स्थिति नहीं बन पाएगी और मानसून कमजोर हो जाएगा। मानसून तभी मजबूत होता है जब प्रशांत महासागर में निम्न दाब बनता है और भारत में उच्च दाब बनता है। ऐसी स्थिति में बारिश कम होने से खासकर उन क्षेत्रों की खरीब फसल अधिक प्रभावित होगी, जहां पर मानसून पर ही खेती निर्भर है। हालांकि अभी स्पष्ट रुप से कुछ नहीं कहा जा सकता है और मौसम विभाग बराबर समुद्री गतिविधियों पर नजर बनाये हुए हैं।
उन्होंने बताया कि मई माह के अंत में इन समुद्री गतिविधियों के आधार पर मानसून की सक्रियता बताई जा सकेगी। फिलहाल अंदेशा है कि इस बार अलनीनो मानसून को प्रभावित कर सकता है। इसको देखते हुए भारतीय मौसम विभाग ने भी केन्द्र और प्रदेश सरकारों को सचेत कर दिया है और केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर लगातार बैठकें भी कर रहे हैं।
अजय सिंह/राजेश तिवारी