अयोध्या : राम मंदिर के लिए तमिलनाडु से पहुंचा 613 किलो का घंटा
अयोध्या (हि. स.)। भूमि पूजन के बाद जब से राम मंदिर निर्माण का काम शुरू हुआ है तब से बड़ी संख्या में रामभक्त श्रद्धा अनुसार रामलला को अलग-अलग भेंट चढ़ा रहे हैं। अब तक मंदिर निर्माण के लिए करोड़ों रुपये का चढ़ावा आ चुका है।
बुधवार को तमिलनाडु के रामेश्वरम से 4500 किलोमीटर की यात्रा कर लाया गया 613 किलो का घंटा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपा गया। यह विशेष घंटा लीगल राइट काउंसिल की ओर से रामलला को समर्पित किया गया।
बताते चलें कि बुलेट क्वीन के नाम से मशहूर तमिलनाडु की महिला राजलक्ष्मी मांडा लगातार 4500 किलोमीटर का सफर करने के बाद ट्रक से विशेष घंटा लेकर अयोध्या पहुंचीं। उन्होंने पहले कारसेवकपुरम परिसर में इस घंटे को दर्शनार्थ रखा। उसके बाद पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को घंटा ट्रस्ट के कार्यालय पर लाकर भेंट किया। 613 किलो के इस विशालकाय घंटे की विशेषता है कि जब यह बजाया जाएगा तो ओउम की ध्वनि निकलेगी। वहीं इस विशालकाय घंटे के साथ भगवान श्री राम मां सीता, लक्ष्मण, हनुमान जी के साथ गणपति की मूर्ति भी आज श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों को भेंट किया गया।
तमिलनाडु रामेश्वरम से 613 किलो वजन का कांस्य से बना यह विशेष घंटा राम रथ यात्रा के रूप में 4500 किलोमीटर की यात्रा करते हुए 10 राज्यों को पार करते हुए अयोध्या पहुंचकर समाप्त हुआ। भगवान श्रीराम को यह विशेष घंटा तमिलनाडु की लीगल राइट काउंसिल की ओर से सौंपा गया। खास बात यह है कि इस घंटा को राम रथ पर रखकर एक महिला उस रथ नुमा ट्रक को 4500 किलोमीटर खुद ड्राइव करके अयोध्या लेकर आई है। यह महिला वर्ल्ड रिकर्ड बना चुकी बुलेट रानी के नाम से प्रसिद्ध राजलक्ष्मी मांडा है।
तमिलनाडु की रहने वाली लीगल राइट काउंसलिंग जनरल सेक्रेटरी राजलक्ष्मी मांडा विश्व में दूसरी महिला हैं, जिन्होंने 9.5 टन वजन खींचने का वर्ल्ड रिकर्ड बनाया है। यह महिला राम रथ को लेकर अयोध्या पहुंची हैं।
राम रथ यात्रा 17 सितंबर से चलकर 7 अक्टूबर 21 दिन में अयोध्या की यात्रा पूरी की है।राम रथ यात्रा में कुल 18 लोग तमिलनाडु से अयोध्या पहुंचे हैं। विशालकाय घंटे का वजन 613 किलो है। यह विशेष तरीके के कांस्य से बना हुआ है और इसकी चौड़ाई 3.9 फीट है और इसकी हाइट 4 फीट है।
विशालकाय घंटा को लाने वाली महिला राजलक्ष्मी मांडा का कहना है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के शुभ अवसर पर यह यात्रा प्रारंभ की। उन्होंने नरेंद्र मोदी जी को राम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन करने के लिए धन्यवाद दिया।