अयोध्या में 300 सिम के साथ युवक गिरफ्तार
आतंकी साजिश के बिंदु पर पुलिस कर रही पड़ताल
प्रादेशिक डेस्क
अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि पर प्रस्तावित मंदिर निर्माण की तैयारियों के बीच फैजाबाद मिलिट्री इंटेलिजेंस और पुलिस ने एक ऐसे युवक को गिरफ्तार किया है, जो एक ग्राहक के पहचान पत्र का इस्तेमाल करके एक ही नंबर के दो सिम बनाता था। उसके पास से लगभाग 300 सिम कार्ड बरामद हुए हैं। एक तरफ जहां शनिवार को अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक चल रही थी, वहीं ऐसे युवक की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। पुलिस इसके पीछे आतंकी साजिश के बिंदु पर भी पड़ताल कर रही है। पुलिस के मुताबिक ऐसा करने के पीछे तीन मकसद हो सकते हैं। पहला मोबाइल हैक करना, दूसरा अकाउंट हैक करना और तीसरा आतंकी साजिश को अंजाम देना हो सकता है।
पुलिस ने एक ऐसे युवक को गिरफ्तार किया है, जो एक ग्राहक के पहचान पत्र का इस्तेमाल करके एक ही नंबर के दो सिम बनाता था। वह नंबरों को ओडिशा में बैठे युवक को देता था। फैजाबाद मिलिट्री इंटेलिजेंस (एमआई) युवक पर काफी दिनों से नजर रख रही थी। सटीक सूचना मिलने पर एमआई ने पुलिस को जानकारी दी, जिसके बाद युवक की गिरफ्तारी हो सकी। पकड़ा गया युवक शिवपूजन पांडेय सुलतानपुर जिले के थाना गोसाईंगंज अंतर्गत मदनपुर का रहने वाला है। ओडिशा में वह जिस युवक के संपर्क में था उसका नाम दिनेश है। सूत्रों की मानें तो शिवपूजन से पूछताछ में एमआई और पुलिस को इस गंभीर अपराध से जुड़े अहम सुराग हाथ लगे हैं। शिवपूजन के पास से 297 सिम कार्ड, 14 मोबाइल फोन, लैपटॉप, कई लोगों के पहचान पत्र आदि बरामद हुए हैं। उसे कैंट थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस की माने तो शिवपूजन सिम का नंबर दिनेश को बताता था। दोनों मिलकर वाट्सएप इंस्टॉल करने के लिए वन टाइम पासवर्ड जनरेट करते थे। यह पूरा खेल ओटीपी वर्ल्ड ग्रुप नाम से वाट्सएप ग्रुप बनाकर चलता था। इस ग्रुप में चीन, फिलीपींस, रूस सहित कई विदेशी लोग जुड़े हैं, जिन्हें ओटीपी भेजा जाता था। पुलिस के मुताबिक ऐसा करने के पीछे तीन मकसद हो सकते हैं। पहला मोबाइल हैक करना, दूसरा अकाउंट हैक करना और तीसरा आतंकी साजिश को अंजाम देना हो सकता है। प्रभारी निरीक्षक विनोद बाबू मिश्र ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर छानबीन की जा रही है।
एक आईडी पर दो अलग-अलग नंबरों के सिम का खेल ग्राहक की अज्ञानता से होता है। अवध विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर ई. विनीत कुमार सिंह कहते हैं कि अक्सर देखा जाता है नया सिम लेने जब ग्राहक दुकान पर जाता है तो दो बार उससे अंगूठा लगवा लिया जाता है, ये कहकर की पहला अंगूठा ठीक से नहीं लगा। दो बार अंगूठा लगवाने से फ्रॉड की शुरुआत होती है, जिस पर एक आईडी पर अलग-अलग दो सिम जारी हो जाते हैं। इससे बचने के लिए आवश्यक है कि नया सिम लेते समय दोबार अंगूठा लगाने से पहले पूछताछ जरूर करें। फार्म में अपना मेल आईडी और वैकल्पिक नंबर जरूर डालें ताकि कोई भी आपकी आईडी पर वाट्सएप बनाए या कोई ऐप इंस्टॉल करे तो उसकी सूचना आप को जरूर मिल जाए। वाट्सएप सेटिंग में जाकर टूवे सिक्योरिटी ऑन कर दें और टू स्टेप वेरिफिकेशन को ऑन कर लें। इसलिए कोई असामाजिक तत्व आपकी व्यक्तिगत जानकारी न प्राप्त कर सके।