अयोध्या में सादगी से हुआ दुर्गा विसर्जन, आयोजित नहीं हुआ दशहरा मेला

अयोध्या (हि. स.)। कोरोना संक्रमण का असर रविवार को अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक विजयदशमी पर्व पर दशहरा मेले पर भी पड़ा। कोविड-19 प्रोटोकॉल के चलते जनपद में बड़ी सादगी के साथ दुर्गा प्रतिमाओं को विसर्जन किया गया है तो वहीं कहीं भी दशहरा मेले का आयोजन नहीं हुआ है। शहर की पांच रामलीला समितियों द्वारा प्रतीकात्मक रूप से रावण के पुतले का भी दहन किया गया। 

प्रशासन के निर्देशानुसार अधिकतम आज आठ फुट के पुतले का ही दहन किया गया और इस बार प्रतीकात्मक रूप से दुर्गा पूजा महोत्सव मनाने के कारण दशहरा पर होने वाली भव्य विसर्जन यात्रा के भी दर्शन पर लोगों के लिए रोक लगी रही। शहर में सिर्फ चौक, साहबगंज, फतेहगंज, हैदरगंज व शंकरगढ़ रामलीला समिति द्वारा रावण, मेघनाथ व कुंभकरण के पुतले का दहन किए गए।  

250 प्रतिमाओं का हुआ विसर्जन

हर वर्ष की भांति इस साल कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए लोगों ने घरों व निजी भूमि पर दो से तीन फुट तक की देवी प्रतिमाओं की स्थापना की थी। जिले में करीब 1250 स्थानों पर मां की प्रतिमाओं की स्थापित किया गया था। रविवार की सुबह से फैजाबाद शहर में स्थापित करीब 250 प्रतिमाओं का विसर्जन बड़े सादगी के साथ किया गया। 

पुलिस अधीक्षक नगर विजयपाल सिंह ने रविवार को बताया कि प्रशासन की गाइड लाइन के अनुसार विसर्जन यात्रा में डीजे, बैंड बाजा, ढोल आदि पर प्रतिबंध लगा हुआ है। प्रतिमाओं को छोटे लोडर वाहन में रखकर गुप्तारघाट के निर्मली कुंड ले जाकर विसर्जित किया जा रहा है, इसमें हर समिति के केवल पांच-पांच कार्यकर्ताओ की ही मौजूदगी रही।

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