अब महिलाओं के कंधे पर परिवार नियोजन का भार

– महिलाओं में ही छोटा परिवार, सुखी परिवार का नारा बुलंद

हमीरपुर (हि.स.)। जिले में परिवार नियोजन का भार महिलाएं ही यहां अपने कंधे पर ढो रही है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से यह स्थिति साफ हो गई है कि पुरुषों में इस कार्यक्रम के प्रति कोई रुचि नहीं रह गई है इसीलिए तीन सालों में एक फीसदी भी पुरुषों की नसबंदी नहीं हो सकी। स्वास्थ्य विभाग की मुहिम में महिलाएं ही छोटा परिवार, सुखी परिवार का नारा बुलंद कर रही हैं।

हमीरपुर जिले में परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों में भी पुरुष बहुत पीछे खड़े नजर आते है। नसबंदी का नाम लेते ही वह अपनी पत्नी को आगे कर देते है। क्योंकि उन्हें मर्दाना कमजोरी का डर सताने लगता है। परिवार नियोजन कार्यक्रम देख रहे यहां के एसीएमओ डाॅ. पीके सिंह ने बताया कि छोटा परिवार, सुखी परिवार का नारा सिर्फ महिलाएं ही बुलंद कर रही है। पुरुष वर्ग परिवार नियोजन कार्यक्रम से किनारा किए है। बताया कि गांव-गांव आशा बहुएं और एएनएम पुरुषों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक भी कर रही है लेकिन पुरुष जागरूक नहीं हो रहे है। बताया कि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों की नसबंदी बगैर चीरा या टांके के आसानी से होती है। इससे कोई भी शरीर में कमी नहीं आती है।

तीन सालों में साढ़े 6787 महिलाओं की हुई नसबंदी

परिवार नियोजन के विशेषज्ञ रवि प्रजापति ने बताया कि तीन सालों में परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत 6787 महिलाओं ने अभी तक नसबंदी कराई है। वहीं 0.1 फीसदी पुरुषों की नसबंदी हुई है। वर्ष 2019-20 में 2029 महिलाओं की नसबंदी हुई जबकि 37 नसबंदी पुरुषों की हुई। वर्ष 2020-21 में 2266 महिलाओं व 32 पुरुषों की नसबंदी की गई। 2021-22 में 2268 महिलाओं व 25 पुरुषों ने नसबंदी कराई है। वहीं इस साल अभी तक 224 महिलाओं ने नसबंदी कराई है जबकि पांच पुरुषों की ही नसबंदी हो सकी।

परिवार नियोजन के अस्थाई साधन भी हो रहे लोकप्रिय

परिवार नियोजन के विशेषज्ञ ने बताया कि महिलाओं के लिए अन्य अस्थाई साधन भी जिले में अब लोकप्रिय हो रहे है। अस्थाई साधनों में पीपीआईयूसीडी, आईयूसीडी, अंतरा इंजेक्शन और छाया टेबलेट भी अस्पतालों में उपलब्ध है जो अब महिलाओं में लोकप्रिय है। जिला महिला अस्पताल की अधीक्षक डाॅ. फौजिया अंजुम नोमानी ने बताया कि पुरुष नसबंदी बगैर चीरा या टाँके के आसानी से हो जाती है। जबकि महिलाओं की नसबंदी थोड़ी जटिल होती है। इसमें एक सप्ताह तक आराम करना आवश्यक होता है।

पंकज

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