अब घाटे से उबरेंगे किसान, श्रीअन्न की खेती से होंगे मालामाल

– श्रीअन्न को लेकर विंध्य क्षेत्र के किसानों ने बढ़ाया कदम

– मीरजापुर में खेती का लक्ष्य 14430 से बढ़कर पहुंचा 15978.34 हेक्टेयर

– 4143.04 हेक्टेयर में ज्वार तो 11560.30 हेक्टेयर में बाजरा की बोआई

मीरजापुर (हि.स.)। श्रीअन्न की खेती को बढ़ावा देने के लिए मिलेट्स वर्ष चलाया जा रहा है। जून के अंत तक बुआई होने के कारण रागी की खेती पर ज्यादा जोर है। कृषि विभाग ने रागी की खेती के लिए इस वर्ष 275 हेक्टयर का लक्ष्य निर्धारित किया है। रागी के साथ ही अन्य श्रीअन्न की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा। मीरजापुर में श्रीअन्न की खेती का लक्ष्य 14430 हेक्टेयर से बढ़कर 15978.34 हेक्टेयर हो गया है। उप कृषि निदेशक डा. अशोक कुमार उपाध्याय ने बताया कि जनपद में ज्वार की खेती का 3336 हेक्टेयर से बढ़ाकर 4143.04 हेक्टेयर, बाजरा का 11094 हेक्टेयर से बढ़ाकर 11560.30 हेक्टेयर रखा गया है।

ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने से शुगर नियंत्रण में सहायक

शुगर रोगियों के लिए लाभदायक श्रीअन्न से किसानों की आमदनी में वृद्धि तो होगी, जनमानस का स्वास्थ्य भी अच्छा बनेगा। कैल्सियम, फाइबर आयरन, मैग्नीशियम की अधिकता होने के कारण श्रीअन्न स्वास्थ्य के प्रति लाभकारी है। ग्लूटेन फ्री के साथ इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होने के कारण शुगर नियंत्रण में सहायक होता है। बरकछां स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक श्रीराम सिंह ने कहा कि श्रीअन्न की खेती के लिए क्षेत्र उपयुक्त है। खेती में कोई उर्वरक नहीं लगता है। फसल में सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो सभी फसलों में नहीं होते हैं। स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।

श्रीअन्न से पिछड़े क्षेत्र में फैल रही हरियाली

एक तरफ नहर में पानी नहीं हैं, वहीं दूसरी तरफ पर्याप्त बारिश के आसार भी नहीं दिख रहे। ऐसे में पहाड़ी व उबड़-खाबड़ इलाकों में किसानों ने धान की बजाय श्रीअन्न उगाने का निर्णय लिया है। पिछड़ा क्षेत्र राजगढ़ ब्लाक के राजापुर, लालपुर, मटिहानी, सरसो, विशुनपुर, दढ़ियां समेत दो दर्जन गांवों के किसानों ने करीब 40 हेक्टेयर में मड़ुआ की बोआई भी कर दी है। इसके अलावा कोदो, सावां, रागी की भी बोआई करने का मन बना रहे हैं। श्रीअन्न को उगाने में प्रतिबीघा डेढ़ किलो बीज किसानों द्वारा खेतों में डाला जा रहा है। किसान राजकुमार सिंह, शंभूनाथ सिंह, सुरेश सिंह, राजगृह सिंह आदि ने बताया कि बरसात कम होने से धान की फसल की रोपाई नहीं हो पाती है, जिससे खेत परती रह जाते हैं। श्रीअन्न की खेती करने पर थोड़ी सी बारिश होने पर उपज हो जाएगी।

किसान बोले- धान की खेती करने में होती है परेशानी, अब करेंगे श्रीअन्य की खेती

राजगढ़ ब्लाक के बिशुनपुर गांव निवासी किसान प्रेमशंकर सिंह पटेल ने बताया कि बरसात कम होने से धान की खेती करने में परेशानी होती है। पानी की कमी के चलते फसल सूख जाती है, जिससे किसान को घाटा होता है। अब श्रीअन्न की खेती करेंगे। वहीं देवपुरा के किसान धनंजय सिंह ने बताया कि सिंचाई के साधन के अभाव में धान की खेती करने पर उपज की कोई गारंटी नहीं है। इस वर्ष मोटे अनाज की खेती करेंगे, जो कम बरसात में पैदा हो जाएगा और हमें नकद मिल जाएगा।

फसल वर्ष: 2023-24: हेक्टेयर

लक्ष्य: 14430: 15978.34

ज्वार: 3336: 4143.04

बाजरा: 11094: 11560.30

रागी: —- : 275

कमलेश्वर शरण/बृजनंदन

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