अनंत चतुर्दशी पर विष्णु की आराधना कर श्रद्धालु सुनेंगे सत्य नारायण भगवान की कथा, बांधेंगे अनंत रक्षा सूत्र

वाराणसी (हि.स.)। बाबा विश्वनाथ की नगरी में रविवार को चराचर जगत के पालन हार भगवान विष्णु की आराधना अनंत चतुर्दशी पर्व पर होगी। भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी अनंत चतुर्दशी पर्व को लेकर श्रद्धालु लोगों में भी उत्साह है।

पर्व पर भगवान के अनंत स्वरूप की पूजा होगी। श्रद्धालु पूरे दिन व्रत रख अनंत चतुर्दशी व सत्य नारायण भगवान की कथा सुन अनंत रक्षा सूत्र बांह पर बांधेंगे। पुरुष अनंतसूत्र को दाएं व महिलाएं बाएं हाथ पर बांधती है।

सनातन धर्म में मान्यता है कि अनंत के चौदह गांठों में प्रत्येक गांठ एक-एक लोक का प्रतीक है। अक्षत, दूर्वा, रेशम या कपास के सूत से बने और हल्दी से रंगे हुए चौदह गांठ के अनंत सूत्र को पहले पूजन अर्चन के दौरान भगवान विष्णु को चढ़ाया जायेगा।

मान्यता है कि भगवान विष्णु की पूजा से जीवन में आने वाली बाधाओं से मुक्ति मिलती है। आचार्य मनोज उपाध्याय ने बताया कि चतुर्दशी तिथि 19 सितंबर को सुबह 6:07 मिनट से शुरू होकर, 20 सितंबर 2021 सोमवार को सुबह 5:30 मिनट तक रहेगी। पूरे दिन की चतुर्दशी तिथि है।

उन्होंने बताया कि अनंत चतुर्दशी की पौराणिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने सृष्टि की शुरुआत में चौदह लोकों तल, अतल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल, पाताल, भू, भुवः, स्वः, जन, तप, सत्य, मह की रचना की थी। इतना ही नहीं, इन लोकों की रक्षा और पालन के लिए भगवान विष्णु खुद भी चौदह रूपों में प्रकट हो गए थे, जिससे वे अनंत प्रतीत होने लगे। इसलिए इस दिन विष्णु भगवान के अनंत रूपों की पूजा की जाती है। पर्व पर विष्णु सहस्त्रनाम स्रोत का पाठ भी श्रद्धालु करते है। महिलाएं ये व्रत सुख-समृद्धि, धन-धान्य और संतान प्राप्ति के लिए करती हैं। अनंत चतुर्दशी के दिन बुजुर्गों की सेवा करने से लाभ होता है। बुजुर्गों से आशीर्वाद लेकर धागा बनाकर पहनने से भी जीवन में लाभ होता है।

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