हाथरस प्रकरण: राज्य मानवाधिकार आयोग से मिलकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग, जांच का भरोसा
लखनऊ (हि.स.)। एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने हाथरस प्रकरण में राज्य मानवाधिकार आयोग से तत्काल हस्तक्षेप किए जाने की मांग की है।
उन्होंने गुरुवार को आयोग के सदस्य जस्टिस केपी सिंह से मुलाकात कर बताया कि घटना के समय पीड़ित के परिवार वालों पर दवाब डाल कर मात्र एक अभियुक्त के विरुद्ध धारा 307 आईपीसी तथा 3(2)(5) एससी एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया। मामले में पांच दिन तक पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। 19 सितम्बर को मात्र धारा 354 आईपीसी (लज्जाभंग/छेड़छाड़) की धारा बढ़ाई गई। इसके बाद पुनः 22 सितम्बर को धारा 376डी (गैंग रेप) की बढ़ोत्तरी कर तीन नए अभियुक्तों के नाम शामिल कर दिए।
नूतन ने कहा यह पूरी तरह अविश्वसनीय है कि पीड़ित ने सामूहिक दुष्कर्म की बात अपनी मां व घरवालों को नहीं बताई हो तथा सीधे पुलिस को बताई हो। इसलिए यह कहा जाना कि पीड़ित के बयान के आधार पर सामूहिक दुष्कर्म की धारा बढ़ाई गई, पूरी तरह अस्वीकार्य है।
उन्होंने मृतक लड़की को जबरदस्ती जलाए जाने के मामले की भी शिकायत की। जस्टिस सिंह से आयोग की जांच टीम से प्रकरण की जांच करवाए जाने की मांग की।
इसके अलावा नूतन ने सोशल साइट्स पर युवती का नाम लिए जाने, उसके नाम से विभिन्न हैशटैग चलाये जाने, उसके फोटो शेयर किये जाने आदि के संबंध में एफआईआर दर्ज करवाने तथा इन्हें अविलंब हटवाये जाने की मांग की है। जस्टिस के पी सिंह ने बताया कि उन्होंने पूर्व में इस प्रकरण का स्वतः संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि वे इन सभी बिन्दुओं पर भी जांच करवाएंगे।