हाथरस कांड : मथुरा जेल में बंद पत्रकार मामले में सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

मथुरा/नई दिल्ली (हि.स.)। मथुरा पुलिस द्वारा अक्टूबर में पीआईएफ से जुड़े पत्रकार सहित चार सदस्यों को पकड़ा था, जो वर्तमान में मथुरा जिला कारागार में बंद है। इस मामले में सोमवार को उच्चतम न्यायालय ने केरल के एक पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर दिया है। 

गौरतलब हो कि प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबड़े, न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्टस की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से जानना चाहा कि वह इलाहाबाद उच्च न्यायालय जाने की बजाय सीधे यहां क्यों आये। कपिल सिब्बल ने पत्रकार को जमानत देने का अनुरोध किया और कहा कि उसके खिलाफ कुछ भी नहीं है। 
  उन्होंने कहा कि प्राथमिकी में उसका नाम नहीं है। किसी तरह के अपराध का आरोप नहीं है। वह पांच अक्टूबर से जेल में है। पीठ ने कहा हम नोटिस जारी करेंगे। इस मामले को शुक्रवार के लिये सूचीबद्ध कर रहे हैं। इस मामले में उच्च न्यायालय नहीं जाने के बारे में सवाल करते हुये पीठ ने कहा हम इस मामले के मेरिट पर नहीं है। आप उच्च न्यायालय क्यों नहीं गये? इससे पहले शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह इस याचिका पर चार सप्ताह बाद सुनवाई करेगा और इस दौरान पत्रकारों का संगठन राहत के लिये इलाहाबाद उच्च न्यायालय जा सकता है। 
 गौरतलब है कि पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को पांच अक्टूबर को हाथरस जाते समय रास्ते में गिरफ्तार किया गया था। वह हाथरस में सामूहिक बलात्कार की शिकार हुयी दलित युवती के घर जा रहे थे।

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