हाईकोर्ट ने दो पहिया वाहन पर दो सवारी की सशर्त अनुमति दी
आदेश की अवहेलना पर डीएम व एसएसपी प्रयागराज के खिलाफ अवमानना केस दर्ज
कोर्ट ने मांगा स्पष्टीकरण, केन्द्र व राज्य सरकार से जवाब तलब
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोविड 19 की गाइडलाइन का कागजों में ही पालन करने पर गहरी नाराजगी जाहिर की है। इसको लेकर दाखिल अवमानना याचिका पर जिलाधिकारी व एसएसपी प्रयागराज के खिलाफ अवमानना का केस दर्ज कर मंगलवार को स्पष्टीकरण मांगा है।
कोर्ट ने अपने पिछले आदेश को संशोधित करते हुए दो पहिया वाहन पर दो लोगो के बैठने की अनुमति देने का सशर्त निर्देश दिया है और कहा है कि हेलमेट, फेस कवर व मास्क पहनना अनिवार्य होगा। अभी तक कोर्ट ने केवल पति पत्नी को ही साथ मे दो पहिया वाहन पर दो सवारी की अनुमति दी थी। साथ ही कहा है कि ई-रिक्शा व आटो रिक्शा में 4 लोगों से अधिक लोग न बैठे। कोर्ट ने अपूर्व देव के मास्क को आवश्यक वस्तुओं की तरह उपलब्ध कराने की मांग में भेजे गये पत्र को जनहित याचिका के रूप में कायम करने का आदेश देते हुए भारत सरकार व राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।
एएसजीआई शशि प्रकाश सिंह ने कहा कि कोविड 19 जांच मशीन आयी है किन्तु कमरा तय न होने के कारण उसे लगाया नहीं जा सका है। इस पर कोर्ट ने चुटकी ली कि छोटा सा मामला किन्तु केन्द्र सरकार को मशीन लगाने के लिए कमरा नहीं मिल पा रहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने क्वारेन्टाइन सेन्टरों की दुर्दशा व अस्पतालों में इलाज की बेहतर सुविधाओं को लेकर कायम जनहित याचिका पर दिया है।
प्रयागराज के सीएमओ ने हलफनामा दाखिल किया। कोर्ट ने उनसे कोरोना जांच व रिपोर्ट देने का व्योरा मांगा था। रिपोर्ट आने मे देरी को लेकर कोर्ट ने यह आदेश दिया था। याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि लाकडाउन लागू हुए 5 माह बीत चुके हैं और सरकार अभी भी गाइडलाइन तैयार करने मे जुटी है। जब कि मौके पर गाइडलाइन का पालन करने की जरूरत है। अधिवक्ता राम कौशिक व प्रियंका मिड्डा ने कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने की शिकायत की। कोर्ट ने अवमानना याचिका कायम करने का आदेश दिया और कहा कि इन्होंने जो फोटोग्राफ पेश किये उसे देखने से लगता है कि सारे रोडमैप, प्लान के प्रयास कागजों में किये जा रहे है।
75 वर्षीय अधिवक्ता एस के गर्ग ने अधिकारियों को सड़क पर निकलकर गाइडलाइन के पालन का जायजा लेने के निर्देश दिये जाने की मांग की। अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कहा कि अधिकारी बाहर जा रहे हैं । सरकार पेन्डेमिक की रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। कार्यवाही रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा। कोर्ट ने हाई रिस्क ग्रुप के 75 वर्षीय गर्ग के कोर्ट में आने पर सुरक्षा ढील पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि वकील या वादकारी के धमकाने से सुरक्षा नियमो में ढील न दी जाय। हाईकोर्ट परिसर में प्रवेश के नियमों का कड़ाई से पालन किया जाय। मामले की सुनवाई 18अगस्त को भी होगी।