सेंट मैरी चर्च के दीवारों पर लिखे गये विवादित स्लोगन के विरोध में प्रदर्शन

मौके पर पहुंची पुलिस,चर्च की दीवारों पर लिखे स्लोगन पर हिन्दूवादी संगठन ने जताई आपत्ति

वाराणसी (हि.स.)। छावनी क्षेत्र स्थित सेंट मैरी कैथेड्रल चर्च के दीवारों पर लगे शिलापट्ट पर मंदिर पर लिखे गये स्लोगन पर हिन्दूवादी संगठनों में नाराजगी है। मंगलवार को अचानक चर्च के मुख्य गेट पर पहुंचे हिंदू युवा शक्ति मंच के कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। सूचना पर वहां एसीपी कैंट डॉ अतुल अंजान त्रिपाठी,प्रभारी निरीक्षक कैंट प्रभुनाथ फोर्स के साथ पहुंच गये। यह देख कार्यकर्ता चर्च का गेट खोलकर विरोध जताने के लिए परिसर में जाने लगे तो एसीपी के नेतृत्व में पुलिस बल ने उन्हें रोक दिया। इसे लेकर कार्यकर्ताओं की पुलिस अफसर से जमकर नोकझोंक भी हुई। रोके जाने से नाराज कार्यकर्ता वहीं जमीन पर बैठ कर लिखे वाक्यों को हटाने के लिए नारेबाजी करने लगे। अफसरों के काफी समझाने-बुझाने के बाद कार्यकर्ता शांत हुए। मंच के अध्यक्ष निर्भय सिंह ने बताया कि चर्च के अंदर दीवारों पर लिखा गया है मंदिर का विनाश । हमें इस शब्द से आपत्ति है। मंच चाहता है कि इस शब्द को हटा दिया जाए । अगर न्यायालय उसे प्रमाणित करता है तो फिर उसे लगा दिया जाएगा। निर्भय सिंह ने कहा कि यदि न्यायालय उन्हें अनुमति देती है तो वह उन शब्दों को लिख दें। हिन्दूवादी संगठन के प्रतिनिधियों की शब्द को लेकर चर्च के पादरी से वार्तालाप भी हुई।

सेंट मैरी कैथेड्रल चर्च के बाहर की दीवारों पर शिलापट्ट लगाये गये हैं। इसमें एक जगह दीवार पर स्थापित शिलापट्ट पर अंकित है, मंदिर का विनाश और येरूसलम, ईसा कथन सबसे बड़ा प्रमाण आदि लिखा गया है। मंदिर का विनाश, मंदिर का शुद्धिकरण शब्द को लेकर इसके पहले हिंदूवादी संगठन सनातन भारत ने भी विरोध दर्ज कराया था। संगठन के महासचिव राजन गुप्त ने कैंट थाने में काशी प्रान्त के बिशप डॉ. यूजीन जोसेफ, चर्च के पादरी विजय शांतिराज के खिलाफ लिखित शिकायत की थी। इस मामले में न्यायालय में एक परिवाद भी दाखिल किया गया है।

श्रीधर

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