नई दिल्ली (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर समेत कुछ राज्यों में पटाखों की ब्रिकी पर पूरी तरह लगी रोक के कोर्ट के आदेश में दखल देने से फिलहाल इनकार कर दिया है। भाजपा नेता मनोज तिवारी की ओर से वकील शशांक शेखर झा ने जस्टिस एएस बोपन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने मामला उठाया।
शशांक शेखर झा ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर जैसे कुछ राज्यों ने पटाखों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है। ग्रीन पटाखों की भी इजाजत नहीं है। तब कोर्ट ने कहा कि अगर कोई सरकार राज्य के स्थानीय हालात के मद्देनजर पटाखों पर पूरी तरह बैन लगाती है, तो ये उसका हक है। कोर्ट इसमें अपनी ओर से दखल नहीं देगा। अगर आप पटाखें छोड़ना ही चाहते हैं, तो ऐसे राज्य में आ जाइये, जहां पटाखों पर बैन नहीं है। इसके साथ ही कोर्ट ने मनोज तिवारी के वकील शशांक शेखर झा की दलीलों को खारिज कर दिया।
केंद्र सरकार की तरफ से एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट को बताया कि सरकार का प्रोटोकॉल सभी पक्षों को दिया जा चुका है, जिसमें सिर्फ ग्रीन पटाखों की बिक्री की इजाजत की बात कही गई है। भाटी ने कोर्ट से ग्रीन क्रैकर्स के निर्माण और बिक्री की अनुमति देने का आग्रह करते हुए कहा कि ग्रीन पटाखों के लिए रिसर्च और परीक्षण में राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (नीरी) ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हमने पटाखों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उत्पादों की क्यूआर कोडिंग लागू किया है।
इसके अलावा पटाखा निर्माण से जुड़े उद्योग में ट्रेनिंग और स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम चला रहे हैं, जिसके तहत अब तक एक हजार से अधिक निर्माताओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। भाटी ने बताया कि हर तीन साल में एक तकनीकी कमेटी उत्सर्जन के मानकों की समीक्षा करेगी। नागपुर और शिवकाशी में प्रति वर्ष पांच हजार से अधिक नमूनों का परीक्षण करना है। शिवकाशी और नागपुर में इस सुविधा को 25 हजार परीक्षण तक बढ़ाया जाएगा। अदालत पटाखों के निर्माण और बिक्री पर लगी रोक हटाने पर विचार कर सकती है।
सुनवाई के दौरान जस्टिस बोपन्ना ने केंद्र सरकार से पूछा कि त्योहारों के सीजन के दौरान जब बड़े पैमाने पर इसकी बिक्री और उपयोग होता है, उस दौरान इस नियम को लागू करने के लिए क्या कोई मैकेनिज्म मौजूद है। तब भाटी ने बताया कि हमने प्रोटोकॉल की एक लिस्ट बनाई है। इसमें सीएसआईआर और नीरी के साथ पटाखा निर्माताओं का आनलाइन पंजीकरण, अधिकृत एजेंसियों द्वारा क्यूआर कोडिंग और रैंडम चेकिंग की व्यवस्था भी की गई है। नियम का उल्लंघन करने पर उनका लाइसेंस रद्द करने और निलंबन करने का भी प्रावधान है। तब जस्टिस बोपन्ना ने पूछा कि सैंपल इकट्ठा करने के लिए कौन अधिकृत है।
इस पर भाटी ने बताया कि हमने सिस्टम बनाया है उसमें सभी को जोड़ा गया है। यह ज्यादा सख्त प्रोटोकॉल है। तब जस्टिस बोपन्ना ने पूछा कि नियम तोड़ने वालों के लिए जुर्माना क्या है। तब भाटी ने बताया कि नियम का उल्लंघन करने पर उनका लाइसेंस रद्द करने और निलंबन करने का भी प्रावधान है। जस्टिस बोपन्ना ने पूछा कि सैंपल इकट्ठा करने के लिए कौन अधिकृत है। तब भाटी ने बताया कि हमने सिस्टम बनाया है उसमें सभी को जोड़ा गया है, यह ज्यादा सख्त प्रोटोकॉल है।
सुप्रीम कोर्ट अर्जुन गोपाल की तरफ से पटाखों के उत्पादन और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है।
संजय/सुनीत/पवन
