सुप्रीमकोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति के नेतृत्व में टीम ने अमर दुबे के मुठभेड़ की शुरू की जांच

-मुठभेड़ स्थल के आसपास पुलिस की नाकेबंदी, कई घंटे तक आयोग की गठित टीम ने हर बिन्दु पर की जांच
-टीम में प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक केएल गुप्ता ने भी बारीकी से की एनकाउन्टर की थ्योरी की जांच पड़ताल
हमीरपुर। कानपुर के बिकरू कांड के मुख्य आरोपी गैंगेस्टर विकास दुबे के करीबी अमर दुबे को मुठभेड़ में मारे जाने की घटना को लेकर सोमवार के दिन सुप्रीमकोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति बीएस चौबान व पूर्व पुलिस महानिदेशक केएल गुप्ता ने यहां हमीरपुर जिले के मौदहा कस्बे में मुठभेड़ स्थल का बारीकी से निरीक्षण कर जांच पड़ताल की। टीम ने मुठभेड़ में शामिल पुलिस कर्मियों की भी क्लास ली। जांच के दौरान जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे। 
उल्लेखनीय है कि कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में जुलाई माह में सीओ समेत सात पुलिस कर्मियों को गोलियों से भून डाला गया था। इस घटना में गैंगेस्टर विकास दुबे व अमर दुबे समेत तमाम अपराधी नामजद किये गये थे। पुलिस ने मुठभेड़ में कई लोगों को मार गिराया था। इस सनसनीखेज घटना में फरार अमर दुबे समेत अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के लिये एसटीएफ समेत अन्य टीमें लगायी गयी थी। हमीरपुर जिले के मौदहा कस्बे के नेशनल मार्ग पर 8 जुलाई को तड़के विकास दुबे के करीबी अमर दुबे को एसटीएफ ने स्थानीय पुलिस की मदद से मुठभेड़ में मार गिराया था। 
मुठभेड़ में मौदहा कोतवाली के इंस्पेक्टर मनोज कुमार शुक्ला व एसटीएफ का एक सिपाही घायल हुआ था। बाद में विकास दुबे भी एनकाउन्टर में मारा गया था। मुठभेड़ को लेकर उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिये गये थे। आयोग जरिये गठित जांच टीम में सुप्रीमकोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति बीएस चौहान व उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक केएल गुप्ता ने आज यहां आकर मुठभेड़ स्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। तीन स्तरीय जांच टीम शाम तक मुठभेड़ की थ्योरी की जांच पड़ताल करती रही। 
सूत्र बताते है कि अमर दुबे के एनकाउन्टर में शामिल पुलिस कर्मियों से भी टीम ने जानकारी ली है। जांच के दौरान जिलाधिकारी ज्ञानेश्वर त्रिपाठी, पुलिस अधीक्षक नरेन्द्र कुमार सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। कई घंटे तक चली जांच के बाद टीम लखनऊ के लिये रवाना हो गयी है। बता चले कि जांच टीम के आने के पूर्व ही स्थानीय प्रशासन ने मुठभेड़ स्थल पर नाकेबंदी कर दी थी। 
इस मार्ग को भी बैरीकेटिंग कर बंद कर दिया गया था। मार्ग पर दोनों ओर एक किमी दूर बैरीकेटिंग कर पुलिस बल की तैनाती की गयी थी। दोपहर से लेकर शाम तक नेशनल मार्ग पर आवागमन बंद रहा। पुलिस की नाकेबंदी के कारण किसान भी अपने खेतों की ओर नहीं जा सके। वहीं मीडिया के लोगों को भी घटनास्थल से दूर रखा गया। इससे पहले लखनऊ से फारेसिंक टीम ने मौदहा आकर अमर दुबे के मुठभेड़ की जांच की थी। कैसे अमर दुबे का एनकाउन्टर हुआ था उसे फौरेसिंक टीम ने दोहराया भी था।

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